सुनील यादव
बढ़नी/सिद्धार्थनगर। नेपाल सीमा के एक निजी अस्पताल से बच्चा चोरी के मामले से यह जान पड़ता है कि यहां बच्चा चोरों का गिरोह सक्रिय है तथा बच्चा चोरी कर उसे नेपाल के रास्ते जरूरतमंदों के हाथ बेचा जाता है। बलरामपुर जिले के पचपेड़वा कस्बे के एक निजी अस्पताल में एक महिला के जन्में बच्चे को मृत बताकर उसे सिद्धार्थनगर जिले के बढ़नी कस्बे में एक व्यक्ति के हाथ बेच दिया गया। इस मामले में बढ़नी का हफीजुर्रहमान नामक एक कथित डाक्टर भी शामिल है। इस डाक्टर के बारे में बताया जाता है कि वह आयुष डिग्री धारी है लेकिन आपरेशन कर बच्चा भी पैदा करता है। पचपेड़वा के जिस अस्पताल से बच्चा चोरी कर बेचा गया उसका आपरेशन इसी डाक्टर ने किया था।
उधर जिस महिला को चकमा देकर उसके बच्चे की हेराफेरी की गई उसने अस्पताल के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत की थी। पुलिस ने लंबी जांच और सटीक मुखबिरी पर दो माह बाद नेपाल बॉर्डर के बढ़नी कस्बे में एक सभासद के घर से बच्चे को बरामद कर उसके असली मां के सिपुर्द कर दिया। निसार नामक जिस शख्स के घर से बच्चा बरामद हुआ है वह नगर पंचायत का सभासद भी है तथा नेपाल में कोई कारोबार करता है। इधर उसकी पत्नी के पास से बच्चे की बरामदगी के बाद से वह फरार है। पुलिस उसके गिरफ्तारी के प्रयास में है। निसार चूंकि पहले से ही दो बच्चों एक बेटा, एक बेटी का बाप है इसलिए इस बात की संभावना बहुत कम है कि उसने बच्चे की चाह में ऐसा किया होगा।
ऐसे में अस्पताल से एक मां की कोख से उसके बच्चे के चोरी की यह घटना तमाम तरह के संदेह पैदा करती है। नेपाल में इस समय सड़क, पुल आदि की कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। नेपाल तंत्र मंत्र मानने वाला देश है। इधर नेपाल भूकंप की घटनाओं से भी गुजर रहा है,इसकी शांति के लिए वहां मानव बलि की संभावना भी है। ऐसे में इस बात की भी चर्चा है कि उक्त बच्चे की चोरी कहीं तंत्र मंत्र में इस्तेमाल के लिए तो नहीं किया गया। फिलहाल पुलिस कई एंगल से घटना की जांच कर रही है।
बलरामपुर जिले के एसपी केशव कुमार का कहना है कि उक्त मामले में आरोपी दो डाक्टरों को गिरफतार कर जेल भेज दिया गया है। मुख्य आरोपी निसार के नेपाल में छिपने की संभावना है। नेपाल पुलिस से सामंजस्य बैठा कर उसके भी गिरफ्तार करने के लिए पुलिस प्रयासरत है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही बच्चे के चोरी के असल उद्देश्य का पता चल पाएगा।