नार्वे से इंदिरा गांधी जयन्ती पर अन्तर्राष्ट्रीय कवि गोष्ठी

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी
बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

भारत की पूर्व महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरागांधी की जयंती पर रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय डिजिटल कविगोष्ठी मनाई गई,जिसकी अध्यक्षता प्रो हरनेक सिंह गिल ने की। “इन्दिरा गाँधी महिलाओं की आदर्श थीं। इन्दिरा जी ने अपने कार्यों से महिलाओं का सम्मान बढ़ाया और लोग बेटी पैदा होने पर कहने लगे हैं बेटी पैदा हुई है वह इन्दिरा जैसी बनेगी। आज भी लोग अपने भाषणों में इंदिरा जी के आत्मविश्वास और बहादुरी का जिक्र करते हैं। स्वतंत्रता संग्राम में जेल जाने वाली इंदिरा गाँधी जी महिला नेताओं की आदर्श हैं। 1983 में इंदिरा जी से मैं ओस्लो मेंं तीसरी बार मिला था जिन्हें मैं दुनिया का सबसे बड़ा नेता मानता हूँ।” ये विचार संस्था के अध्यक्ष सुरेशचन्द्र शुक्ल ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए दिए।

भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा आयोजित डिजिटल कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. हरनेक सिंह गिल ने की एवं मुख्य अतिथि थे आथर्स गिल्ड आफ इंडिया के महामंत्री डा. शिव शंकर अवस्थी। डॉ. शिव शंकर अवस्थी  ने कहा कि प्रियदर्शिनी इन्दिरा गाँधी  शुरू में कमजोर प्रधानमंत्री से कार्यकाल शुरू किया और फिर आयरन लेडी कहलायीं, देश में हरित क्रान्ति लायीं और अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये। देश में अलगाववाद को समाप्त किया और देश के लिए शहीद हुईं।

इंदिरा जी पर संस्मरण : इंदिरा जी पर अपने संस्मरण सुनाये डॉ. सुषमा सौम्या, डॉ. हरनेक सिंह गिल एवं लखनऊ सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ ने।

जन्मदिन पर बधाई : आज कार्यक्रम में डा. भारती सिंह लखनऊ एवं डॉ. सुधीर शर्मा रायपुर को भी उनके जन्मदिन पर बधाई दी गयी।

अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन : कवि सम्मेलन की शुरुआत प्रमिला कौशिक जी की सस्वर मधुर वाणी वंदना से हुई।
भारत से डॉ. शिव शंकर अवस्थी, डॉ. हरनेक सिंह गिल, प्रमिला कौशिक एवं शशि पराशर दिल्ली, डॉ. अमरजीत राम प्रयागराज, डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी कबीर नगर, डॉ. रश्मि चौबे गाज़ियाबाद एवं डॉ. लता चौहान बेंगलुरू ने काव्य पाठ किया जिसे बहुत सराहा गया। विदेशों से नार्वे से सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’, स्वीडेन से सुरेश पाण्डे एवं डॉ. राम बाबू गौतम अमेरिका ने सस्वर काव्य पाठ किया।

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