
लखनऊ। 16 साल से फरार चल रहा दंगाई आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गोरखपुर जिले के शहर कोतवाली पुलिस ने तिवारीपुर थानाक्षेत्र स्थित निजामपुर निवासी वर्ष 2007 के गोरखपुर दंगे के मुख्य आरोपी मोहम्मद शमीम फरार फरार चल रहा था। इस मामले में उसे साल 2012 में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है, जबकि इसी मामले में उसके पिता शफीउल्लाह को भी आजीवन कारावास की सजा हुई थी और वह पहले से जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि मोहम्मद शमीम अगस्त 2007 में जमानत मिलने के बाद से ही फरार हो गया था। इसके बाद कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। अदालत की ओर से कई बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चलता था।
गौरतलब है कि दीवान बाजार के रहने वाले राजेन्द्र प्रसाद अग्रहरि ने 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर की कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी कि उनके बेटे राजकुमार अग्रहरि की मोहर्रम के जुलूस के दौरान नसीराबाद एक मीनारा मस्जिद के पास देर रात मोहर्रम के जुलूस में शामिल मोहम्मद शमीम और उसके साथियों ने पुलिस की जीप से खींचकर तलवार और चाकुओं से गोदकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद उसे बीआरडी में उसे चिकिस्तकों ने मृत घोषित कर दिया है।
पुलिस ने घायल राजकुमार को बेसुध हालत में जीप में अस्पताल ले जाने के लिए लादा, इसी दौरान आरोपियों ने उसे पुलिस की जीप से खींचकर तलवार और चाकुओं से ताबड़तोड़ हमलाकर उसकी हत्या कर दिया था। बीआरडी मेडिकल कालेज ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि राजकुमार अग्रहरि की हत्या के बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था। इस मामले में पुलिस ने मृतक राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेंद्र अग्रहरि की तहरीर पर मोहम्मद शमीम, उसके पिता शफीउल्लाह और उसके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 147, 148, 149, 298 के तहत केस दर्ज किया था।
संसद में भावुक हो गए थे तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी
साल 2007 में हुई इस हिंसा में बीजेपी के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को धरना देने और जुलूस निकालने के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस दौरान उन्हें 11 दिन जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद संसद में वे अपनी संरक्षा को लेकर भावुक हो गए थे।
क्या कहना है पुलिस का?
इस संबंध में गोरखपुर कोतवाली सर्किल के CO अनुराग सिंह ने बताया कि गोरखपुर के कोतवाली थाना इलाके में साल 2007 में राजकुमार अग्रहरि नाम के युवक की हत्या हो गई थी। इसमें दो आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेजा गया था। मोहम्मद शमीम को अगस्त 2007 में जमानत मिल गई थी। इसके बाद से ही वो फरार हो गया था। मोहम्मद शमीम और उसके पिता शफीकुल्लाह को साल 2012 में आजीवन कारावास हो गया था। शफीउल्लाह पहले से ही जेल में थे। बीते 11 सितंबर को उसे तिवारीपुर से अरेस्ट किया गया है। इसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू और 82B की कार्रवाई हो चुकी है। ये पुलिस की बड़ी सफलता है। 16 साल बाद उसे गिरफ्तार किया है।
चेन्नई भाग गया था शमीम
पूछताछ में पता चला है कि वो फरार होने के बाद चेन्नई चला गया था। उस समय मोबाइल और इंटरनेट की इतनी सुविधा नहीं होने की वजह से इसे ट्रेस नहीं किया जा सका था। इसके बाद वो जब यहां पर आया, तो परिवार के साथ न रहकर किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी हुई, उसे अरेस्ट कर लिया गया।