
- एक मंत्री की सिफारिशों पर दर्जनों की संख्या में तबादले, दूसरे की नहीं सुनी गई कोई सिफारिश
- विभाग के दोनों मंत्रियों ने गंभीर मामले पर साधी चुप्पी
आरके यादव
लखनऊ। तबादलों को लेकर जेल विभाग के दो मंत्रियों के बीच की तल्खी सामने आ गई। एक राज्यमंत्री की सिफारिश को दूसरे मंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी विभाग के एक कार्यक्रम के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच नोकझोंक हो चुकी है। इन दो घटनाओं ने इस सच को साबित कर दिया कि जेल विभाग के दोनों मंत्रियों के बीच सामंजस्य नहीं है। हकीकत यह है कि जेल विभाग के तबादलों में एक मंत्री की तो पौ बाहर रही वहीं दूसरे मंत्री की एक भी सिफारिश सुनी ही नहीं गई। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार विभाग की कमान दो मंत्रियों को सौंपी है। धर्मवीर प्रजापति को कारागार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और सुरेश राही राज्यमंत्री कारागार का प्रभार सौंपा है। प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति आने के बाद कारागार विभाग में बड़ी संख्या में अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के तबादले किए गए। सूत्रों का कहना है कि एक तरफ जेल विभाग के तबादलों में जेलमंत्री स्वतंत्र प्रभार ने अपने चहेते अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को मनमाफिक जेलों पर तैनात कराने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखी, वही दूसरी ओर विभाग के एक अन्य राज्यमंत्री की सिफारिशों को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ने सिरे से ही खारिज कर दिया। सूत्र बताते है कि जेल विभाग के राज्यमंत्री ने एक अधीक्षक, जेलर और एक डिप्टी जेलर के तबादले की सिफारिश की थी।
इन तीनों ही अधिकारियों को मनमाफिक जेल पर तैनात करने के बजाए इन्हें स्थानांतरित ही नहीं किया गया। जबकि विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ने अपने दर्जनों चहेते वरिष्ठ अधीक्षक एवं अधीक्षकों के साथ जेलर और डिप्टी जेलरों को कमाऊ जेलों पर तैनात करा दिया। दूसरे राज्यमंत्री की एक भी सिफारिश को नहीं माना गया। तबादलों की सिफारिशों से जेल विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री के बीच तल्खी उभर कर सामने आ गई। स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री ने अपने ही विभाग के राज्यमंत्री की सिफारिशों को मानना तो दूर की बात उनकी सिफारिशों पर विचार-विमर्श तक हीं नहीं किया। तबादलों की सिफारिशों ने दोनों मंत्रियों के बीच सामंजस्य नहीं होने का खुलासा कर दिया। यह पहला मामला नहीं है।
विभागीय जानकारों का कहना है कि इससे पहले पुरानी जेल रोड स्थित सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भी जेल विभाग के इन दोनों मंत्रियों के बीच नोकझोंक हुई थी। यह मामला सुर्खियों में भी आया था। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने समझा बुझाकर किसी तरह से मामले को शांत करा दिया था। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ने सेटिंग-गेटिंग कर जमकर तबादले करवाए, तबादलों में जमकर वसूल भी की गई, वहीं दूसरे राज्यमंत्री की तीन सिफारिशों को सुना तक नहीं गया। उधर इस संबंध में जब जेल राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन ही नहीं उठा। उधर जेलमंत्री स्वतंत्र प्रभार सुरेश राही ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया।