पेंशन बाबू की कारगुजारी से हो रही है सरकार की बदनामी
मजबूर बुजुर्गों से भी वसूल लेता है पैसा, ऊपर से देता है धमकी
आशीष दूबे/नया लुक संवाददाता
लखनऊ। यूपी के सीएम का गृह जिला गोरखपुर। पूर्वांचल के राजधानी की हैसियत रखने वाला जिला गोरखपुर। बिहार-नेपाल के तमाम जिलों के साथ-साथ पूरब के कई जिलों का स्वास्थ्य संरक्षण नगर गोरखपुर। गोरक्षपीठ की पावन नगरी गोरखपुर। लेकिन इसी गोरखपुर के नाम को कलंकित करने का कार्य वहां का पेंशन विभाग कर रहा है। विभाग का बाबू खुलेआम वसूली करता है और किसी के कहने पर उसे धमकी भी देता। करीब डेढ़ दशक से एक ही पद पर जमे इस बाबू की कारस्तानी जब कैमरे में कैद हुई तो भी वो अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।
वीडियो फुटेज के अनुसार करीब 14 बरसों से गोरखपुर कोषागार में पेंशन पटल पर जमा बाबू शैलेष कुमार मल्ल किसी की नहीं सुनता। उच्चाधिकारी से लेकर साथी कर्मचारी तक की बात वह हवा में उड़ा देता है। बात यहीं तक होती तो ठीक थी, वह खुलेआम पेंशनरों से पैसे लेता है। यदि किसी ने पैसे नहीं दिए तो उसके काम अटकाने का कुव्वत रखने वाला शैलेष उन्हें महीनों परेशान करता है। हालांकि बीजेपी गोरखपुर के एक कार्यकर्ता रणविजय सिंह ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को पत्र लिखा है और उन्हें पेन ड्राइव में सबूत भी भेजे हैं। लेकिन उन्हें सुबहा है कि विभाग उस जैसे भ्रष्ट बाबू पर कोई कार्रवाई करेगा।
बकौल रणविजय सिंह, शैलेष का ट्रांसफर कहीं भी हो जाए, वह ‘जुगाड़ तंत्र’ के बूते खुद उसी पटल पर आ जाता है और अपनी कारगुजारी शुरू कर देता है। यही नहीं, वह खुलेआम धमकी देता है कि वह इसी पटल पर है और आगे भी रहेगा। सिंह लिखते हैं कि वह बिना सुविधा शुल्क लिए किसी भी बुजुर्ग या व्यक्ति का काम नहीं करता है। हालांकि उनकी इस बात की पुष्टि वीडियो क्लिप से हो रही है। एक बुजुर्ग पैसे हाथ में लेकर उनसे गुजारिश कर रहा है और सीधे उन्हें पैसे दे रहा है और मल्ल बड़ी ही निडरता से दफ्तर के भीतर सुविधा शुल्क ले भी रहा है। वीडियो क्लिप में यह साफ दिख रहा है कि वह किसी दुकानदार की तरह दुकान में आते ही पैसे का लेन-देन शुरू कर देता है। हद तो तब हो जाती है, जब वह आने वाले किसी शख्स को बिना पैसे नहीं जाने देता।
बिना उच्चाधिकारी नहीं बन पाती इतनी हनक
शासन के जानकारों का कहना है कि जब किसी बाबू पर उसके अफसरों का वरदहस्त रहता है तो इस तरह के क्रियाकलाप वह अंजाम दे पाते हैं। इसका मतलब साफ कि शैलेष मल्ल द्वारा उगाही गई रकम ऊपर भी बंटती है। बताते चलें कि इस तरह खुलेआम घूस लेते कई बाबू एंटीकरप्शन और लोकायुक्त की गिरफ्त में आ चुके हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
ट्रेजरी विभाग के निदेशक नीलरतन के मुताबिक शैलेष मल्ल के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रष्ट बाबू पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कई ऐसे भ्रष्ट बाबुओं की सूची बनाई जा रही है, जिन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और भ्रष्टाचार में लिप्त मिलते ही कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। वहीं जिलाधिकारी गोरखपुर कृष्णा करुणेश ने अपना सीयूजी नम्बर बेसिक नम्बर पर फारवर्ड कर रखा है। नम्बर किसी कर्मचारी ने उठाया और दो टूक लहजे में बोला कि डिप्टी सीएम का कार्यक्रम है डीएम साहब वहीं गए हैं। आप सीयूजी मिला लीजिए, हो सकता है उठ जाए।