विनायक चतुर्थी व्रत आज है जानिए शुभ तिथि व पूजन विधि और कथा…

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता


हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित होती है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा का विधान है। इस दिन व्रत रखने से गणेश जी प्रसन्न होकर भक्तों के विघ्न हर लेते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

चतुर्थी तिथि…

चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 23 अप्रैल 2023 को सुबह 7:47 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त : 24 अप्रैल 2023 को सुबह 8:25 बजे

विनायक चतुर्थी पूजन विधि

विनायक चतुर्थी के सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर मंदिर स्वच्छ करें और चौकी पर लाल रंग का कपड़ा​ बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद उन्हें चंदन व सिंदूर व तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें। फिर लड्डूओं का भोग लगाएं और धूप-दीप जलाएं। इसके बाद भगवान गणेश की अराधना करें। पूजा करते समय ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥’ मंत्र का जाप अवश्य करें। कहते हैं कि इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। बता दें कि दिनभर व्रत रखने के बाद रात्रि के समय पूजा करके व्रत का पारण करें।

ग्रहों के असंतुलन से भी होती है बीमारियां

विनायक चतुर्थी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय की बात है। राजा हरिश्चंद्र के राज्य में एक कुम्हार था। वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाता था। किसी कारणवश उसके बर्तन सही से आग में पकते नहीं थे और वे कच्चे रह जाते थे। अब मिट्टी के कच्चे बर्तनों के कारण उसकी आमदनी कम होने लगी क्योंकि उसके खरीदार कम मिलते थे। इस समस्या के समाधान के लिए वह एक पुजारी के पास गया। पुजारी ने कहा कि इसके लिए तुमको बर्तनों के साथ आंवा में एक छोटे बालक को डाल देना चाहिए। पुजारी की सलाह पर उसने अपने मिट्टी के बर्तनों को पकाने के लिए आंवा में रखा और उसके साथ एक बालक को भी रख दिया।

उस दिन संकष्टी चतुर्थी थी। बालक के न मिलने से उसकी मां परेशान हो गई। उसने गणेश जी से उसकी कुशलता के लिए प्रार्थना की। उधर कुम्हार अगले दिन सुबह अपने मिट्टी के बर्तनों को देखा कि सभी अच्छे से पक गए हैं और वह बालक भी जीवित था। उसे कुछ नहीं हुआ था। यह देखकर वह कुम्हार डर गया और राजा के दरबार में गया। उसने सारी बात बताई। फिर राजा ने उस बालक और उसकी माता को दरबार में बुलाया। तब उस महिला ने गणेश चतुर्थी व्रत के महात्म का वर्णन किया।

Religion

व्रत विवेक कौन से वार को व्रत करने से क्या लाभ

डॉ उमाशंकर मिश्र लखनऊ।  सामान्य जीवन में लोग पूजा-पाठ और व्रत का पालन करते हैं। लेकिन यह नहीं पता होता है कि इस व्रत से क्या लाभ होता है? यदि आप पूजा पाठ करते हैं, व्रत रखते हैं तो जान लीजिए कि किस दिन किस देवता की पूजा होती है और किसका व्रत रखा जाता […]

Read More
Religion

घर में रखते हैं गंगाजल तो  बरतिए यह सावधानी नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान

डॉ उमाशंकर मिश्र घर में हो गंगाजल तो ध्यान रखें कुछ बातें लखनऊ। अक्सर आपने देखा होगा कि लोग घरों में गंगाजल रखते हैं। लेकिन लोग यह नहीं जानते हैं कि घर में गंगाजल रखने से पहले क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। कई बार ऐसी गलती हो जाती है जिससे फल मिलने की वजह नुकसान […]

Read More
Religion

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें इन तीन पेड़ों की पूजा, अखंड सौभाग्य के साथ धन प्राप्ति का मिलेगा आशीर्वाद

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा विवाहित स्त्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखा जाता है। कहते हैं कि सावित्री ने अपने पतिधर्म से यमराज को भी अपना निर्णय बदलने पर मजबूर कर दिया था और अपने पति के […]

Read More