
के. विक्रम राव
इस संदर्भ में एक दिलचस्प रपट मिली जो इन ढोंगी मगर राजनीतिज्ञ बाबाओं की कैटेगरी उजागर करती है। हिंदुओं की बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तमाम धूर्त, इच्छाधारी, पाखंडी, ढ़ोंगी, स्वयंभू संतों का पर्दाफाश कर दिया। पूरे हिंदुस्तान के फर्जी बाबाओं यानी इच्छाधारी संतों की एक लिस्ट जारी की। चैकाने वाली बात यह है राजनेताओं के आशीवार्द से ही इनका वर्चस्व खड़ा हुआ था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् ने कुल चैदह ढोंगी संतों की एक सूचि मीडिया में जारी की है। इसमें जेल की हवा खा रहे बाबा रामपाल, गुरमीत राम रहीम, आसाराम, नारायण साईं व असीमानंद के अलावा निर्मल बाबा, राधे मां व अन्य ऐसे इच्छाधारी बाबा शामिल हैं, जो पिछले कुछ सालों में अपनी करनी के चलते विवादों में रहे हैं। गोल-गप्पा खिलाकर लोगों की हर समस्या का समाधान करने वाले निर्मल बाबा जैसे ढोंगी भी इस लिस्ट में शामिल हैं। महिलाओं की अस्मिता से खिलवाड़ करना इन बाबाओं की दिनचर्याओं में शामिल था। लाज-शर्म की वजह से कुछ महिलाएं इन ढ़ोंगियों के खिलाफ अपना मुंह नहीं खोलती थी। इसी बात का फायदा ये बाबा उठाते थे।
प्रतिष्ठित अखाड़ा परिषद की लंबी सूची में उल्लेखित दो नामों का विशेषकर उल्लेख करना चाहिए। पहले हैं बाबा रामपाल। उनके पूरे देश में लाखों की संख्या में अनुयायी है। सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद से अपने करियर की शुरुआत करने वाले रामपाल का भविष्य किसी अपराधी की भाँति खत्म हो जायेगा इसकी उम्मीद शायद उनके घरवालों ने भी नहीं की होगी। हत्या, बलवा और अन्य अपराधों में दोष-सिद्धि के लिए इन्हे अदालत द्वारा उम्र कैद ही सजा सुनायी जा चुकी है।
दूसरे बाबा रहे 17 साल से साधु का वेश धारण कर चकमा दे रहे ब्रह्मगिरी। इन्हे यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हापुड़ और मथुरा पुलिस ने इस फर्जी बाबा को लूट के मामले के तहत हिरासत में लिया है। यह फर्जी बाबा मथुरा के पिलखुवा गांव के सिखेड़ा के शिव हरि मंदिर में साधु बनकर रह रहा था। फर्जी बाबा का असली नाम अजय शर्मा उर्फ ब्रह्मगिरि है। वह बाबूगढ़ क्षेत्र का निवासी है। पुलिस के मुताबिक, उसने मथुरा जिले के हाईवे थाना क्षेत्रों में साल 2005 में लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
यहां इतनी ध्यानार्थ एक बात और लिख दूं। ऐसा फर्जीवाड़ा, बल्कि अपराधी अंधविश्वास अन्य मजहबों में भी है। केवल सनातन धर्म से जुड़े ढोंगी इसीलिए कुख्यात है क्योंकि उसे उजागर करने वाले अभियान चलाने वाले बहुसंख्यक धर्मनिष्ठ हिंदुजन हैं। कठमुल्लों, पादरियों और अन्य आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को भी कानून के कटघरे में खड़े करने की आज अत्यधिक आवश्यकता है।