उदघाटन के डेढ़ साल बाद भी चालू नहीं हुई इटावा जेल

  • प्रयागराज की जिला जेल को भी शुभारंभ का इंतजार
  • ओवरक्राउडिंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए बनवाई गई जेलें

राकेश यादव


लखनऊ। इटावा की केंद्रीय कारागार और प्रयागराज की जिला जेल कब चालू की जाएगी। यह सवाल विभागीय अधिकारियों में कौतुहल का विषय बना हुआ है। केंद्रीय कारागार इटावा का तो प्रदेश के मुख्यमंत्री ने करीब डेढ़ साल पहले उदघाटन तक कर दिया। इसके बाद भी यह जेल अभी तक चालू नहीं की गई है। कुछ ऐसा ही हाल प्रयागराज में निर्मित जिला जेल का भी है। इन जेलों को चालू करने के लिए विभागीय अफसरों ने समय तो कई बार दिया किंतु चालू नहीं हो पाई हैं। प्रदेश की जेलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या को देखते हुए शासन ने आधा दर्जन से अधिक जेलों का निर्माण कराया जा रहा है। इस कड़ी में पिछले दिनों शासन ने इटावा में केंद्रीय कारागार का निर्माण कराया। 51 एकड़ में 1942 कैदियो की क्षमता वाली इस जेल को बड़े ही अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया गया। कार्यदायी संस्था यूपी आरएनएन ने इस जेल का निर्माण कराया है।

सूत्रों का कहना है कि इटावा केंद्रीय कारागार का वर्ष-2021 के अक्टूबर माह में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग के आला अफसरों की मौजूदगी में इस जेल का विधिवत शुभारंभ किया गया। करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुई इस सेंट्रल जेल में रामधनी को वरिष्ठ अधीक्षक नियुक्त किया गया। औपचारिक उदघाटन के बाद शुरू हुई इस जेल में अभी तक एक भी कैदी नहीं है। इस जेल पर एक जेलर व दो सुरक्षाकर्मियो को तो तैनात कर दिया गया लेकिन न तो उनके रहने और न ही खाने की कोई व्यवस्था की गई है।

सूत्र बताते हैं कि इटावा की नवनिर्मित केंद्रीय कारागार ही नहीं प्रयागराज की केंद्रीय कारागार नैनी में ओवरक्राउडिंग की समस्या को देखते हुए नई जिला जेल का निर्माण कराया गया है। शासन व जेल मुख्यालय के अधिकारी पूरी तरह से तैयार हो चुकी इस जेल को भी अभी तक चालू नहीं करा पाए है। बताया गया है कि इन दोनों जेलों के चालू नहीं होने से जिला जेल इटावा और केंद्रीय कारागार नैनी में बंदियो की भरमार है। इन जेलों में क्षमता से अधिक बंदी होने की वजह से अधिकारियों को तमाम तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उधर इस संबंध में जब जेल मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि जेलों की जल्दी चालू करा दिया जाएगा।

जेल चालू नहीं खरीद लिया करोड़ों का सामान

जेलें चालू हुई लेकिन जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने इन जेलों के लिए करोड़ो रुपए का सामान खरीद लिया। कैदियों को अत्याधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर निर्मित की गई इटावा केंद्रीय कारागार इटावा और प्रयागराज की जिला जेल के लिए अफसरों ने एलईडी, टीवी, वॉशिंग मशीन, आटा गूंथने की मशीन, आरओ सिस्टम, पाकशाला के उपकरण, जेल अस्पताल के उपकरणों के साथ तमाम ऐसी वस्तुओं को खरीदकर जेल पर भेज दिया गया है। करीब डेढ़ साल से यह उपकरण धूल खा रहे है। जेल में कोई कैदी नहीं होने से इनका फिलहाल कोई इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इसकी लागत करोड़ों में बताई जा रही है।

इस्तेमाल नहीं होने पर खराब हो जाते इलेक्ट्रानिक उपकरण

नाका इलेक्ट्रिकल मार्केट के व्यापारी नेता सत्पाल सिंह से अत्याधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल के संबंध में जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अधिक दिनों तक इस्तेमाल नहीं होने से यह उपकरण खराब हो जाते है। उन्होंने कहा कि कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण खरीद कर रखने के छह माह बात उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो जाती है। यही नहीं खरीदे गए उपकरणों की सर्विस और वारंटी भी खत्म हो जाती है। लंबे समय बाद शिकायत आने के बाद इन्हें कंपनी वाले ठीक करने का भी तैयार नहीं होते है।

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