
कानपुर देहात जिले में हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। कानपुर देहात जिले के रूरा थानाक्षेत्र स्थित मड़ौली गांव में हुई दर्दनाक घटना के मामले में ग़ौर करें तो तकरीबन 50 वर्षीय की उम्र पार कर चुके गोपाल कृष्ण दीक्षित उस आशियाने की ओर इशारा करते ही फफक पड़े जो उनकी 45 वर्षीय पत्नी गायत्री और 22 वर्षीय बेटी नेहा के लिए कब्रगाह बन गया। भरभराई में वह बोले इसी झोपड़ी में जिम्मेदार अफसरों की नजरों के सामने हमारे दो जीव जल मरे। पत्नी और बेटी की मौत की वजह को लेकर घरवालों की सिसकियां थम नहीं रही है, लेकिन मड़ौली गांव में यही चर्चा है कि प्रशासनिक अधिकारियों के चलते दो जिंदगियां पल भर में ही मौत के मुंह में समा गया।
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बताया जा रहा है कि गोपाल कृष्ण दीक्षित गांव के बाहर स्थित बनी झोपड़ी में परिवार के साथ जीवन यापन करते हैं। बताया जा रहा है कि गोपाल कृष्ण दीक्षित ग्राम समाज की जमीन पर मकान बना लिया था और करीब में ही शिव जी की मंदिर भी बनाया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि ग्राम समाज की जमीन को लेकर गांव के ही रहने वाले कुछ लोगों से रंजिश चल रही थी। यह दर्दनाक घटना को लेकर मानों पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय इस बात को लेकर बना हुआ है कि आखिर मां बेटी की मौत का जिम्मेदार कौन है ॽ
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कानपुर देहात जिले के रूरा थानाक्षेत्र स्थित मड़ौली गांव में सोमवार दोपहर मां -बेटी की खुद के टूटेफूटे आशियाने में जलकर हुई मौत ने पूरे प्रशासनिक अमले पर सवालिया निशान लगा दिया है। झोपड़ी टूटता देख पूरा परिवार अफसरों के सामने गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन जेसीबी धड़धड़ाती हुई झोपड़ी में जा घुसी और एक पल भर में ही हंसते खेलते परिवार मातम छा गया।