मानव तस्करी की शिकार नेपाली लड़कियों का जयपुर एयरपोर्ट थाना पुलिस ने किया रेस्क्यू
बार्डर पर सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी के बाद भी खुली सीमा का लाभ उठाते हैं तस्कर: राजेश मणि
उमेश तिवारी
नौतनवा/महराजगंज । राजस्थान की राजधानी जयपुर की एयरपोर्ट थाना पुलिस ने आज बड़ी कार्रवाई की है। जयपुर से इथोपिया जा रही एक दर्जन से ज्यादा नेपाली युवतियों का रेस्क्यू कर मानव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जयपुर एयरपोर्ट थाने के थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने बताया कि उन्हें नेपाल दूतावास से भारतीय दूतावास के जरिए सूचना मिली थी। नेपाली दूतावास की सूचना के आधार पर तत्परता दिखाते हुए जयपुर की एयरपोर्ट पुलिस ने इस पूरे आपरेशन को अंजाम दिया है। सूचना में बताया गया था कि आधा दर्जन के आस पास युवतियों को तस्करी कर इथोपिया के रास्ते खाड़ी देशों में भेजा रहा है। जहां उनके साथ अमानवीय व्यवहार हो सकता है। इस सूचना के आधार पर एयरपोर्ट थाना पुलिस ने जयपुर एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन की टीम के सहयोग से सर्च आपरेशन चलाया जिसमें 12 नेपाल की मूल निवासी युवतियां मिलीं जिन्हें प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर संदिग्ध लगने पर इमीग्रेशन ने पुलिस को सौंपा।
थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने बताया कि मामले में सभी युवतियों से पूछताछ कर उनके पासपोर्ट और अन्य जानकारियां उनसे हासिल कर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। साथ ही नेपाली दूतावास को पूरी कार्रवाई की जानकारी दी गई है। थाना प्रभारी की मानें तो नेपाल और दिल्ली के रास्ते लगातार कार्रवाई के बाद मानव तस्करी करने वाले गिरोह ने तस्करी के लिए जयपुर का रास्ता चुना था। साथ ही थाना प्रभारी ने कहा कि मामले में युवतियों को महिला केंद्र में रखा गया है। जहां से तय प्रक्रिया के बाद इन्हें इनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
हालांकि, कि पुलिस की पूछताछ में युवतियों ने अपनी मर्जी से इथोपिया जाना बताया है, मगर कौन इन्हें बुला रहा था, कौन भेज रहा था, इससे जुड़ी कोई भी जानकारी युवतियां पुलिस को देने से बच रही है। इधर भारत नेपाल सीमा पर मानव तस्करी की रोकथाम पर कार्य कर रही मानव सेवा संस्थान ( सेवा ) नामक एक स्वयंसेवी संस्था के निदेशक राजेश मणि ने कहा है की भारत नेपाल की समूची सीमा पर सुरक्षा एजेंसिया,पुलिस और खुफिया एजेंसी हमेशा चौकस रहती हैं पर खुली सीमा का लाभ उठाकर तस्कर कभी कभी कामयाब भी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में सुरक्षा एजेंसिया मानव तस्करी रोकने में काफी हद तक सफल रही हैं।