उमेश तिवारी
नौतनवा/महराजगंज। हर साल एक जनवरी को भारत समेत तमाम जगहों पर नए साल का जश्न मनाया जाता है। कई दिन पहले से इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इसके लिए 31 दिसंबर की रात को जगह-जगह पार्टी का आयोजन किया जाता है। शाम से ही पार्टी शुरू हो जाती है और रात 12 बजने के साथ ही न्यू ईयर सेलिब्रेशन किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जनवरी को दुनिया के कई देशों में न्यू ईयर नहीं मनाया जाता। दरअसल एक जनवरी को नया साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। ये कैलेंडर दुनियाभर में प्रचलित है। लेकिन तमाम देश ऐसे हैं, जिनका अपना अपना अलग कैलेंडर है और वे उस कैलेंडर के हिसाब से अलग-अलग तारीखों और महीनों में अपने नव वर्ष को सेलिब्रेट करते हैं। आइए यहां आपको बताते हैं कुछ खास देशों के न्यू ईयर से जुड़ी दिलचस्प जानकारी।
चीन में चंद्रमा आधारित कैलेंडर को माना जाता है। यहां हर तीन साल में सूर्य आधारित कैलेंडर से इसका मिलान किया जाता है। इसके हिसाब से इनका नव वर्ष 20 जनवरी से 20 फरवरी के बीच पड़ता है। चीन के अलावा वियतनाम, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया और मंगोलिया में भी चंद्र कैलेंडर को माना जाता है और उसी के हिसाब से न्यू ईयर मनाया जाता है।
थाईलैंड में जल महोत्सव या थाई नव वर्ष, पहली जनवरी को नहीं, बल्कि अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है। यहां 13 या 14 अप्रैल को नया साल मनाया जाता है। स्थानीय भाषा में इस दिन को ‘सोंगक्रण’ कहा जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को ठंडे पानी से भिगोकर नव वर्ष की शुभकामना देते हैं।
भारत में बेशक पश्चिमी कल्चर को देखते हुए 31 जनवरी को नववर्ष का सेलिब्रेशन किया जाता है और एक जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है। लेकिन वास्तव में यहां का हर धर्म का अपना कैलेंडर है और उसी के हिसाब से न्यू ईयर सेलिब्रेशन होता है। हिंदू नववर्ष चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है जो ज्यादातर अप्रैल के महीने में पड़ता है। मान्यता है कि सृष्टि के रचियता ब्रह्रमा जी ने इसी दिन से संसार की रचना को शुरू किया था. इसे नव संवत के नाम से संबोधित किया जाता है। इस्लामिक या हिजरी कैलेंडर के मुताबिक मुस्लिम धर्म के लोग मोहर्रम महीने की पहली तारीख को नव वर्ष मनाते हैं। सिख धर्म में नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 14 मार्च को होला मोहल्ला नया साल होता है और ईसाई धर्म में ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से एक जनवरी को नया साल मनाया जाता है।
कंबोडिया का नया साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दौरान यहां के लोग शुद्धि समारोह में भाग लेते हैं यानी खुद को पवित्र करते हैं और धार्मिक स्थानों पर जाते हैं।
श्रीलंका में भी नया साल अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है। नए साल के पहले दिन को अलुथ अवरुद्दा कहते हैं। नए साल के मौके पर श्रीलंकाई प्राकृतिक चीजों से स्नान करते हैं।
इथियोपिया में 11 या 12 सितंबर को नया साल मनाया जाता है। नए साल का जश्न मनाने के लिए इथियोपियाई लोग गीत गाते हैं और एक-दूसरे को फूल देते हैं। यहां नए साल को ‘एनकुतातश’ कहा जाता है।
मंगोलिया में नया साल 16 फरवरी को मनाया जाता है। नव वर्ष का ये उत्सव 15 दिनों तक चलता है।इस दौरान, लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने, कर्ज चुकाने और विवादों को सुलझाने के लिए इकट्ठा होते हैं।
रूस, मैसेडोनिया, सर्बिया, यूक्रेन इन जगहों पर रहने वाले पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के लोग ग्रेगोरियन न्यू ईयर की तरह जूलियन न्यू ईयर 14 जनवरी को मनाते हैं। यहां आतिशबाजी, मनोरंजन के साथ अच्छा खाना खाया जाता है।
नेपाली परंपरा के हिसाब से यहां हर साल 14 अप्रैल को नया साल मनाया जाता है। इस दिन नेपाल में अवकाश रहता है। यहां के लोग इस दिन पारंपरिक परिधान पहनकर इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं।