
रंजन कुमार सिंह
नई दिल्ली। अमित शाह 23 सितंबर यानि शुक्रवार को बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल दौरे पर रहेंगे। उस सीमांचल में जहां 40 से 70 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है। सीमांचल को महागठबंधन का मजबूत गढ़ कहा जाता है। इस मजबूत गढ़ में लोकसभा के चार में तीन सीट और विधानसभा की 24 में से 16 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है। BJP यहां से मिशन 35 की शुरुआत करने जा रही है, तो सवाल उठता है कि क्या BJP मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिना कर, महागठबंधन का गढ़ माने जाने वाले सीमांचल के वोटरों को साधेगी? वह भी तब जब सीमांचल में 40 फीसदी से ज्यादा वोट मुसलमानों का है। वह वोट जो BJP विरोधी मानी जाती है। या फिर सीमांचल तो बहाना है।
BJP को यहां से पूरे सूबे में शाह का संदेश पहुंचाना है। BJP ने शुरू से ही संवेदनशील समझे जाने वाले सीमांचल इलाके को टारगेट में रखा है। सीमांचल में 40 से 70 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। पूर्णिया में करीब 30 फीसदी मुस्लिम वोटर है। किशनगंज में 67 प्रतिशत, कटिहार में 38 प्रतिशत और अररिया में 32 प्रतिशत वोटर मुस्लिम हैं। सीमांचल में बांग्लादेशी घुसपैठ भी एक बड़ा मुद्दा है। शाह इस मुद्दे को रैली में उठा सकते हैं। इसके साथ ही BJP यहां जनसंख्या असंतुलन का भी मुद्दा उठाते रही है
।BJP महागठबंधन के दलों पर इस इलाके में तुष्टिकरण के आधार पर वोटों को गोलबंद करने का आरोप लगाती रही है। ये अलग बात है कि BJP पहले जब जेडीयू के साथ थी तब खुलकर हिंदुत्व कार्ड नहीं खेल पाती थी, लेकिन अब जब सूबे का सियासी समीकरण बदल गया है और BJP एकला चलो की राह पर है तब वह अपने एजेंडे पर खुलकर काम करेगी। सीमांचल के इलाके में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 16 पर महागठबंधन का कब्जा है। कांग्रेस के पांच और आरजेडी के पास सात सीटें हैं। जेडीयू के पास चार सीटें हैं। भले ही यह इलाका मुस्लिम बहुल है लेकिन यहां अति पिछड़ा और पिछड़ा वोटर की भी बड़ी आबादी है। आरजेडी यहां मुस्लिम-यादव तो जेडीयू मुस्लिम और अतिपिछड़े के समीकरण के दम पर जीतती रही है।
अब अमित शाह शुक्रवार को मुस्लिम तुष्टीकरण, बांग्लादेशी घुसपैठ, शुक्रवार को स्कूलों में नमाज के लिए छुट्टी, जनसंख्या असंतुलन और गौ तस्करी जैसे ज़रूरी मुद्दों को लेकर जोरदार हमला कर सकते हैं। BJP चाहेगी की शाह के विषयवार अटैक के बाद महागठबंधन के नेता अल्पसंख्यकों के पक्ष में बयानबाजी करें, जिसके बाद उसे आधार बनाकर वह जोर शोर से इसे उठा सकती है। इस तरह BJP सीमांचल को साधने के साथ पूरे सूबे को साध सकती है। राजनीति के जानकारों का भी कहना है सीमांचल तो बहाना है। BJP को यहां से पूरे बिहार में संदेश पहुंचाना है।