बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

Litreture

स्वतंत्रता की 79वी़ वर्षगांठ पर दिल को मोह लेने वाली कविता, जरूर पढ़ें…

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी आया दिन 15अगस्त का। स्मृतियों के द्वार खोलता।। बलिदानों बीरो की गाथा- के पन्ने हर साल खोलता।।1।। नफरत के जब बीज पनपते। धर्म जाति मे हम बंट जाते।। क्षणिक स्वार्थ मे तन्मय होते। तभी गुलामी मे फंस जाते।।2।। रक्त हमारा बहुत बहा है। धोखा बारंबार हुआ है।। कभी मुगल आकर घेरे […]

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Analysis

हिंदी दिवस पर विशेषः अभी भी दोयम दर्जे की भाषा है हिंदी

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी हिंदी से संस्कृति जुड़ी है, हिंदी से सनातन जुड़ा है और हिंदी भारत के भाल की बिंदी कही जाती है। लेकिन इसे अभी भी वो हक़ नहीं मिल पाया, जो यूरोप में अंग्रेज़ी को मिली। जो फ़्रांस में फ़्रेंच को मिली। जो अन्य देशों में उनकी भाषाओं को मिला। इस देश […]

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