अमेरिका की प्रतिष्ठित आइवी लीग संस्थान ब्राउन यूनिवर्सिटी उस वक्त दहशत के साये में आ गई, जब शनिवार को परिसर के भीतर अचानक ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगीं। यह हमला उस समय हुआ जब इंजीनियरिंग विभाग की फाइनल परीक्षाएं चल रही थीं। इस भीषण गोलीबारी में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नौ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पूरे कैंपस में अफरा-तफरी मच गई और छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर छिपना पड़ा।
प्रोविडेंस पुलिस के मुताबिक, हमलावर एक पुरुष था जो गहरे रंग के कपड़े पहने हुए था और उसने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। गोलीबारी इंजीनियरिंग और फिजिक्स विभाग वाली सात मंजिला इमारत में हुई, जिसे बारुस एंड होली बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर ने हैंडगन से कई राउंड फायर किए और फिर मौके से फरार हो गया। यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष क्रिस्टीना पैक्सन ने पुष्टि की कि गोली लगने से घायल हुए अधिकतर लोग छात्र हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय के इतिहास के सबसे भयावह दिनों में से एक है। पुलिस ने पूरे कैंपस और आसपास के रिहायशी इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया और कई घंटों तक “शेल्टर-इन-प्लेस” आदेश लागू रहा।
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घटना के बाद नौ घायलों को रोड आइलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां छह लोगों को आईसीयू में रखना पड़ा। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कुछ घायलों की हालत गंभीर थी लेकिन बाद में स्थिर बताई गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पहले संदिग्ध के पकड़े जाने की सूचना दी, लेकिन बाद में स्पष्ट किया कि असली शूटर अब भी फरार है।
गोलीबारी के समय परिसर में मौजूद छात्राओं ने बताया कि अचानक गोलियों की आवाज सुनकर वे जान बचाने के लिए पास की इमारतों में छिप गईं। कई छात्रों को घंटों तक लॉकडाउन में रहना पड़ा। कैंपस के बाहर की सड़कें, जो आमतौर पर सप्ताहांत में गुलजार रहती हैं, पूरी तरह सुनसान नजर आईं। फिलहाल पुलिस हमलावर की पहचान और मकसद जानने में जुटी है। इस घटना ने एक बार फिर अमेरिका में कैंपस सुरक्षा और गन कंट्रोल कानूनों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
