- शातिर दंपति ने मंदिर से चुराया, पुलिस ने बिक्री से ठीक पहले पकड़ा
उत्तर प्रदेश के कानपुर में मानव तस्करी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक शातिर ऑटो चालक दंपति ने पनकी मंदिर पर भीख मांगने वाली गरीब महिला का चार माह का नवजात बेटा चुराकर नि:संतान दंपति को 5 लाख रुपये में बेचने का प्लान रच लिया था। लेकिन कानपुर पुलिस की फुर्ती भरी कार्रवाई ने इस सौदे को मुश्किल में डाल दिया। शुक्रवार को हुई इस घटना में पुलिस ने चोर दंपति जितेंद्र सिंह और उनकी पत्नी गीता को बच्चे समेत गिरफ्तार किया, साथ ही खरीदार सचिन सक्सेना व उनकी पत्नी गरिमा को भी हिरासत में ले लिया।
मामला पनकी थाना क्षेत्र के पश्चिमपारा का है। नि:संतान सचिन और गरिमा ने अपने परिचित ऑटो चालक जितेंद्र से बच्चा दिलवाने की बात की। जितेंद्र ने अपनी पत्नी गीता के साथ मिलकर पनकी मंदिर पर भीख मांगने वाली सोनी की 13 वर्षीय बेटी के गोद में खेल रहे चार माह के भाई को निशाना बनाया। शुक्रवार दोपहर को दोनों ने बच्ची को समोसा खिलाने के लालच में मंदिर के बाहर बुलाया। बच्ची व्यस्त हो गई तो गीता ने चुपके से बच्चे को गोद से उठा लिया और जितेंद्र ने ऑटो स्टार्ट कर भाग निकला। बच्ची के चीखने-चिल्लाने पर मां सोनी दौड़ीं और थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आसपास के 20 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। कैमरे में जितेंद्र का ऑटो साफ दिखा, जिसमें गीता बच्चे को गोद में लिए बैठी थी। वाहन नंबर ट्रेस कर पुलिस शास्त्री नगर पहुंची और दंपति को बच्चे समेत धर दबोचा। शुरुआत में जितेंद्र-गीता ने इनकार किया, लेकिन सख्ती पर कबूल लिया कि उन्होंने बच्चे का सौदा सचिन-गरिमा से 5 लाख में तय कर लिया था और एडवांस 2 लाख रुपये भी ले लिए थे। पुलिस ने जितेंद्र के फोन से सचिन को कॉल कर सौदा पक्का करने का बहाना बनाया और खरीदार दंपति को भी फंसाकर गिरफ्तार कर लिया।
कानपुर के पुलिस कमिश्नर के स्टाफ ऑफिसर अमरनाथ यादव ने बताया कि यह अंतरराज्यीय तस्करी रैकेट का हिस्सा हो सकता है। आरोपी दंपति पर POCSO एक्ट, किडनैपिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के तहत केस दर्ज है। बच्चे को मां के सुपुर्द कर दिया गया।
