बिहार SIR और नयी वोटर लिस्ट से सुप्रीम कोर्ट भी भ्रम में!

  • अदालत ने चुनाव आयोग से कई बिन्दुओं पर स्थिति साफ करने को कहा

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने SIR प्रक्रिया के बाद बिहार विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची से नाम हटाने और जोड़ने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट को भी भ्रम में डाल दिया है। इस ‘शुद्धिकरण ‘ पर सुप्रीम कोर्ट ने ने बिहार SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह साफ़ नहीं है कि मतदाता सूची में जोड़े गए नाम उन्हीं लोगों के हैं जिन्हें पहले हटाया गया था या नहीं ? मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग से यह साफ़ करने को कहा है कि क्या अंतिम सूची में जोड़े गए नए नाम वे ही हैं जो पहले ड्राफ्ट सूची से हटा दिए गए थे ? सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी बिहार की मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों के बीच आई है, जहां लाखों नामों की हटाने-जोड़ने की प्रक्रिया पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लग रहा है। दो दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने दावा किया है कि बिहार में मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध हो गई है और यह प्रक्रिया 22 साल बाद की गई है।

ये भी पढ़े

CJI गवई पर हमलावर वकील की तारीफ, BJP नेता ने कहा ‘हिम्मत वाला काम’

जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा, कि अंतिम सूची में जो नाम जोड़े गए हैं, वे पहले हटाए गए नामों के हैं या नहीं ? इस पर पूरी तरह पारदर्शिता होनी चाहिए। इसके बिना यह प्रक्रिया संदेहास्पद बनी रहेगी। बता दें कि हफ़्ते भर पहले चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी की थी जिसमें SIR शुरू करने के बाद से इसने क़रीब 68.5 लाख मतदाता हटाए हैं, जबकि 21.5 लाख वोटर जोड़े हैं। अंतिम मतदाता सूची के अनुसार अब बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जबकि SIR प्रक्रिया शुरू होने से पहले 24 जून 2025 तक 7.89 करोड़ मतदाता थे।
जस्टिस बागची ने आयोग I के वकीलों से कहा कि आपके पास प्रारंभिक सूची और अंतिम सूची है। हटाए गए नाम स्पष्ट हैं। बस उन नामों को निकालकर हमें जानकारी दें।’ खंडपीठ ने मामले को अगले गुरुवार यानी 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित करने के साथ चुनाव आयोग को ज़रूरी जानकारी जुटाने का निर्देश दिया।

ये भी पढ़े

सावधान! बेटी को छोड़ सास से भी इश्क का बढ़ गया चलन, सास के प्यार में पागल दामाद ने की पत्नी की हत्या

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि SIR के चलते महिलाओं, मुस्लिमों और अन्य समुदायों के मतदाताओं को असमान रूप से हटा दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि आयोग ने मतदाता सूची को साफ करने के बजाय इस प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है। चुनाव आयोग ने 3.66 लाख मतदाताओं को अतिरिक्त रूप से हटाए जाने का कारण नहीं बताया और न ही इन हटाए गए मतदाताओं की सूची प्रकाशित की। इतना ही नहीं आयोग ने अंतिम सूची में जोड़े गए 21 लाख मतदाताओं की सूची कोक भी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

ये भी पढ़े

अजमेर हाईवे पर 300 गैस सिलेंडरों में विस्फोट, 10 किलोमीटर तक सुनाई दी धमाकों की आवाज

खंडपीठ के इस सवाल पर क्या हटाए गए मतदाताओं को अपील दायर करने का अवसर नहीं मिल सकता ? इस सवाल पर वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए.एम. सिंहवी ने कहा कि बिना कारण बताए और बगैर सूची प्रकाशित किए अपील दायर करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हटाए गए व्यक्तियों को कोई नोटिस नहीं दिया जाता कि उनके नाम हटाए गए हैं। इतना ही नहीं उन्हें कारण भी नहीं बताया जाता। ऐसे में अपील का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि किसी को कुछ पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग को कम से कम सूचित करना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर कोई यह दिखा सकता है कि 3.66 लाख मतदाता में से किन्हें आदेश नहीं मिले हैं तो हम चुनाव आयोग को निर्देश देंगे कि उन्हें आदेश दिए जाएं। प्रत्येक व्यक्ति को अपील का अधिकार है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि हटाए गए मतदाताओं की सूची को चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए।

Analysis homeslider West Bengal

2026 में ममता को छोड़ मुस्लिम मुख्यमंत्री चाहते हैं मुसलमान

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक परिदृश्य में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जहां 100 से अधिक विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। यह वोट बैंक अब किसी एक नेता या पार्टी की गुलामी करने के बजाय अपनी शर्तें पेश कर रहा है और अपने हितों के अनुसार चुनाव लड़ने-हरने का […]

Read More
homeslider Uttar Pradesh

देश में साइबर सुरक्षा को मजबूती देगा TNV सिस्टम सर्टिफिकेशन

शाश्वत तिवारी लखनऊ। भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए टीएनवी सिस्टम सर्टिफिकेशन ने आईएसओ/आईईसी 27001:2022 (सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली) के तहत उन्नत ऑडिटिंग और प्रमाणन सेवाओं की औपचारिक शुरुआत कर दी है। यह पहल देश में साइबर सुरक्षा को नई मजबूती देगी और भारत […]

Read More
homeslider Uttarakhand

कुम्भ मेले में राज्य की देवडोलियों, लोक देवताओं के प्रतीकों की शोभायात्रा निकलेगी : धामी

देहरादून । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिद्वार में वर्ष 2027 में आयोजित होने वाला कुम्भ मेला देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को करीब से जानने का अवसर होगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि मेले में राज्य की देवडोलियों, लोक देवताओं के प्रतीकों और चल-विग्रहों के […]

Read More