लखनऊ। वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल कर लिया है। भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 6 जून को शुरू किए गए ‘उम्मीद’ पोर्टल पर राज्य ने तय समय से पहले ही सभी वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन पंजीकरण पूरा कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रदेश में कुल 92,832 वक्फ संपत्तियों का सफलतापूर्वक डिजिटल रजिस्ट्रेशन किया गया है।
इन आंकड़ों में 86,347 सुन्नी और 6,485 शिया वक्फ संपत्तियां शामिल हैं। केंद्र सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन की समय-सीमा छह महीने बढ़ाए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने यह लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया, जो राज्य सरकार की सक्रिय कार्यशैली और प्रशासनिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
‘उम्मीद’ पोर्टल के राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, अब तक देशभर में जितनी भी वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ है, उनमें सबसे बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश का है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पारदर्शी और तकनीक-आधारित शासन मॉडल को मजबूत करती है।
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प्रदेश सरकार ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया। जिला प्रशासन, वक्फ बोर्ड और मुतवल्लियों के समन्वय से पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया, जिससे अधिकांश संपत्तियां तय समय में पोर्टल पर दर्ज हो सकीं।
जनपदवार आंकड़ों की बात करें तो शिया वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन में राजधानी लखनऊ पहले स्थान पर रही, जहां 625 संपत्तियां ऑनलाइन दर्ज की गईं। इसके बाद अमरोहा (539) और मेरठ (533) का स्थान रहा। वहीं सुन्नी वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में बाराबंकी 4,940 संपत्तियों के साथ पहले स्थान पर रहा, जबकि सीतापुर दूसरे और आजमगढ़ तीसरे स्थान पर रहे।
इसके अलावा बिजनौर, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ और जौनपुर जैसे जिले भी सुन्नी वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन में अग्रणी रहे हैं। सरकार का मानना है कि इस पहल से वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगेगी और उनके संरक्षण एवं विकास कार्यों को गति मिलेगी।
