- कई दवाइयां पुरुषों से छीन लेती हैं मर्दानगी, वही दवा देते हैं डॉक्टर
प्रतापगढ़। युवा दिखने के लिए लोगों में गंजेपन की समस्या दूर करने की होड़ मची है। बगैर सोचे समझे युवा कुछ दवाओं का अत्याधिक सेवन कर रहे हैं। दवाओं के सेवन से युवाओं में यौन समस्याएं गंभीर रूप ले रही हैं। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि चिकित्सीय परीक्षण में युवाओं में पुरुषत्व की कमी मिल रही है।
मेडिकल कॉलेज के गुप्त रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित पांडेय ने बताया कि अधिकांश पुरुषों में अनुवांशिक कारणों से युवा अवस्था में ही बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। गंजेपन की समस्या दूर करने के लिए युवा बिना चिकित्सीय सलाह के दवाओं का सेवन शुरू कर देते हैं। तकरीबन छह माह में मेडिकल कॉलेज पहुंचे 13 युवाओं में स्टेराइड जैसे दवाओं का सेवन से पुरुषत्व की कमी मिली है। उन्होंने बताया कि टेस्टोस्टेरॉन और उसके अति सक्रिय रूप डाइर्हाइड्रो टेस्टोस्टरॉन को नष्ट करने वाली दवाएं फिनास्टराइड, ड्यूटेस्टेराइड दी जाती हैं। बताया कि इस दवा के खाने से बाल तो आ जाते हैं, मगर पुरुषत्व नष्ट हो जाता है।
कहा कि दवा का दुष्प्रभाव है कि ड्यूटास्टेराइड के कारण नष्ट होने वाले पुरुषत्व को उपचार के माध्यम से पुनः नहीं प्राप्त किया जा सकता है। बाल उगाने के बाद ऐसे लोग पूरी उम्र के लिए नपुंसक हो जाते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. आरजू मिश्र ने कहा कि बाल उगाने वाली दवा का सेवन एक माह से ज्यादा नहीं करना चाहिए। मगर लोग जल्द बाल उगाने के प्रयास में दवा की खुराक बढ़ा देते हैं। जो मरीज अत्यधिक समय से बाल उगाने की दवा खा रहे हैं, उनको सिरम डाई हाइड्रो टेस्टोस्टरॉन की जांच जरूर करानी चाहिए। अगर शरीर में कमी मिलती है तो दवा का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। लगातार तीन माह तक दवा खाने से नपुंसक होने का खतरा अधिक रहता है।
