उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू। नेपाल लंबे समय से चले आ रहे ₹100 से ऊपर के भारतीय मुद्रा नोटों पर प्रतिबंध को जल्द ही समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। नेपाल राष्ट्र बैंक NRB ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी करने की अंतिम तैयारी पूरी कर ली है। यह कदम भारत और नेपाल के बीच सीमा पार यात्रा, व्यापार और रेमिटेंस को काफी सुगम बनाएगा। विशेष रूप से भारतीय पर्यटकों, नेपाली प्रवासी मजदूरों और सीमावर्ती व्यापारियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। यह बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक RBI के एक महत्वपूर्ण संशोधन के बाद संभव हुआ है। RBI ने 28 नवंबर 2025 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन मुद्रा निर्यात और आयात नियमों में बदलाव किया, जिसे दो दिसंबर को राजपत्र में प्रकाशित किया गया। नए नियमों के तहत, व्यक्ति ₹100 तक के किसी भी मूल्यवर्ग के भारतीय नोट किसी भी मात्रा में नेपाल ले जा सकते हैं और वापस ला सकते हैं। साथ ही, ₹100 से ऊपर के नोटों को कुल ₹25,000 तक की सीमा के साथ दोनों देशों के बीच ले जाने की अनुमति दी गई है। इससे पहले 2016 की नोटबंदी के बाद नेपाल ने नकली मुद्रा और सुरक्षा चिंताओं के कारण उच्च मूल्यवर्ग नोटों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया था।

नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता गुरु प्रसाद पौडेल ने बताया कि नेपाल गजट में नोटिस प्रकाशित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके बाद बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सर्कुलर जारी किया जाएगा। यह नीति परिवर्तन नेपाल की अर्थव्यवस्था, खासकर पर्यटन क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। नेपाल का पर्यटन उद्योग भारतीय पर्यटकों पर काफी निर्भर है। सीमावर्ती इलाकों में होटल, कैसीनो और तीर्थस्थलों से जुड़े कारोबार लंबे समय से इस बदलाव की मांग कर रहे थे। उच्च मूल्य नोटों की कमी के कारण पर्यटकों को छोटे नोटों के भारी बंडल ले जाने पड़ते थे, जिससे असुविधा होती थी और कभी-कभी नियम उल्लंघन के आरोप में जुर्माना या हिरासत का सामना करना पड़ता था। इस फैसले से भारत में काम करने वाले लाखों नेपाली प्रवासी मजदूरों को सबसे अधिक फायदा होगा। वे अपनी कमाई घर भेजते या ले जाते समय छोटे नोटों की मजबूरी और सुरक्षा जोखिमों से जूझते थे। अब बड़ी रकम आसानी से ले जाई जा सकेगी। दोनों देशों के छात्र, तीर्थयात्री और चिकित्सा पर्यटक भी इससे लाभान्वित होंगे। कुल मिलाकर, यह कदम भारत-नेपाल आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा और सीमा पार लेन-देन को सरल बनाएगा। नेपाल में डिजिटल भुगतान बढ़ रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी अभी भी प्रमुख है, इसलिए उच्च मूल्य नोटों की अनुमति व्यावहारिक राहत प्रदान करेगी।
