बदायूं। आज के दौर में जहां रिश्ते टूटते-जुड़ते रहते हैं, वहां एक लड़की ने ऐसा फैसला लिया कि पूरी दुनिया हैरान रह गई। 28 साल की पिंकी शर्मा ने भगवान कृष्ण की मूर्ति से विवाह रचा लिया। ये कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि एक सच्ची आस्था की कहानी है। पिंकी बचपन से कृष्ण भक्ति में डूबी रही हैं। घर में रोज पूजा, मंदिर जाना, राधा-कृष्ण की बातें – ये उनकी जिंदगी का हिस्सा हैं। वो हमेशा कहती थीं, “मेरा विवाह तभी होगा जब कान्हा खुद बुलाएंगे।”
परिवार खेती करता है। पिंकी ने चंदौसी से अंग्रेजी में एमए किया। नौकरी की तलाश थी, लेकिन शादी की बात पर वो साफ थीं – वर कृष्ण चुनेंगे। लोग हंसते थे, मगर पिंकी अडिग रहीं। फिर आया वो पल। परिवार वृंदावन गया। बांके बिहारी मंदिर में भारी भीड़। पिंकी हथेलियां जोड़कर खड़ी थीं। अचानक उनकी हथेली में एक सोने की अंगूठी गिरी। चारों तरफ देखा, कोई नहीं। पिंकी के लिए ये कृष्ण का संकेत था। घर लौटकर उन्होंने ऐलान किया – “मुझे मेरे कान्हा ने स्वीकार कर लिया। अब मैं किसी और से शादी नहीं करूंगी।”
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परिवार पहले हक्का-बक्का। मगर पिंकी की आंखों में वो चमक देखकर सबने साथ दे दिया। गांव में खबर फैली। पहले लोग हैरान, फिर सम्मान करने लगे। तय हुआ – शादी गांव में ही होगी। शादी का दिन। पिंकी लाल जोड़े में दुल्हन बनीं। कृष्ण की मूर्ति दूल्हा बने। मंडप सजा, पंडितजी आए। पिंकी ने मूर्ति को जयमाला पहनाई, कन्यादान हुआ, सात फेरे लिए। जीजा दूल्हे पक्ष बने। अग्नि साक्षी बनी। रस्में पूरी हुईं – जैसे कोई आम हिंदू विवाह। गांव वाले आशीर्वाद देने आए। भोज हुआ। पिंकी ने कहा, “अब मैं राधा हूं।”
पिंकी के पिता सुरेश चंद्र शर्मा कहते हैं, “बेटी खुश है, इससे बड़ा क्या। हम वृंदावन में छोटा सा घर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।” फिलहाल पिंकी बड़ी बहन के साथ रह रही हैं।
