जहरीला कफ सीरप कांड: अमित टाटा, भोला के बाद अब बर्खास्त सिपाही आलोक गिरफ्तार

  • फरार चल रहा शातिर आलोक अदालत में सरेंडर करने की फिराक में था कि चढ़ गया एसटीएफ के हत्थे

ए अहमद सौदागर

लखनऊ। देश-प्रदेश के कोने-कोने में जहरीला कफ सीरप सप्लाई करने के मामले में फरार चल रहे मुख्य मास्टर माइंड शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद अब इस गोरखधंधे में शामिल बर्खास्त सिपाही आलोक को मंगलवार को यूपी एसटीएफ टीम ने उस समय धरदबोचा जब वह लखनऊ की अदालत में सरेंडर करने की तैयारी में था।

बताते चलें कि ज़हरीले कफ सीरप का गोरखधंधा करने वाले आम नहीं बड़े-बड़े ऊंच रसूख रखने वाले शामिल हैं। इस बड़े नेटवर्क का राजफाश उस समय अधिक खुलकर सामने आया जब दुबई में बैठे वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को सोनभद्र पुलिस ने पकड़ा था। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह में एक-दो नहीं दर्जन भर से अधिक तस्कर लिप्त हैं, जिसमें अकूत संपत्ति हासिल करने वाला नाका क्षेत्र के मोतीनगर में रहने वाला बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह शामिल है। इसकी भनक लगते ही पुलिस और यूपी एसटीएफ फरार चल रहे आलोक सिंह की खोज में जुटी थी कि मंगलवार को मुखबिर द्वारा एसटीएफ को सूचना मिली कि दागी बर्खास्त सिपाही आलोक लखनऊ की अदालत में सरेंडर करने की फिराक में है। इस पर पुलिस और एसटीएफ सक्रिय हुई और सरेंडर करने से पहले ही शातिर तस्कर बर्खास्त सिपाही आलोक को धरदबोचा। बताया जा रहा है कि और गहनता से पूछताछ करने के लिए एसटीएफ पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर जानकारी एकत्र करेगी।

बड़े-बड़े ऊंची रसूख रखने वाले भी इस गोरखधंधे से पीछे नहीं

जानकार बताते हैं कि यह गिरोह अबतक लाख दो लाख रुपए नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का जहरीला कफ सीरप सप्लाई कर चुके हैं।
सिलसिलेवार तरीके से हो रही गिरफ्तारी के बाद ज़हरीले कफ सिरप की तस्करी में लिप्त बड़े-बड़े तस्करों के काले कारनामों अब परत-दर-परत खुलने लगी है।
बताया जा रहा है कि इस गिरोह का मुख्य सरगना शुभम जायसवाल के बैंक लेनदेन, फर्जी कंपनियों और संबंधित फर्मों की गतिविधियों ने भी जांच टीमों को चौंका दिया है। उधर ईडी ने भी अन्य जांच एजेंसियों द्वारा अबतक की गई कार्रवाई का पूरा रिकॉर्ड मंगा लिया है। जांच में सामने आया है कि कफ सिरप की तस्करी उप्र, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में फैली हुई थी। पश्चिम बंगाल बॉर्डर के जरिये बांग्लादेश तक सप्लाई भेजी जाती थी।
इस गोरखधंधे में मास्टर माइंड शुभम जायसवाल , अमित टाटा , बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह , विशाल समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगों की कंपनियों का कनेक्शन सामने आया है।

कौन है आलोक सिंह जो सिपाही से बना बड़ा तस्कर

नाका थाना क्षेत्र स्थित मोतीनगर में रहने वाले सिपाही आलोक सिंह का नाम साल 2006 में आशियाना क्षेत्र स्थित जेल रोड पर हुए चर्चित सोना लूटकांड में सुर्खियों में आया था। इस घटना में आलोक के सिपाही सुशील पचौरी व दो कमांडो भी शामिल थे। इनका काला कारनामा उजागर होने के बाद पुलिस के आलाधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया था। हालांकि अदालत के आदेश पर दागी सिपाही आलोक सिंह नौकरी करने लगा कि इसी दौरान नाका क्षेत्र में व्यापारी से पांच लाख रुपए की लूट मामले में नाम सामने आने पर तत्कालीन एसएसपी कलानिधि नैथानी तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान दागी सिपाही आलोक सिंह ने एक पूर्व सांसद का दामन थाम लिया और देखते ही देखते साठ-सत्तर हजार रुपए तक तनख्वाह पाने वाला सिपाही आलोक जहरीला कफ सीरप का गोरखधंधा करने वाले शुभम जायसवाल का साथ पकड़ लिया और आज वह इस काली कमाई के जरिए अकूत संपत्ति बना डाला है। जानकार बताते हैं कि सिपाही आलोक सिंह के पास बेशुमार चल – अचल संपत्ति है, जिसकी जांच-पड़ताल में आलाधिकारी जुट गए हैं।

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