नया लुक ब्यूरो
रांची। बिहार चुनाव का साइड इफेक्ट अब झारखंड में भी दिख सकता है। चर्चा है कि बिहार में चुनाव लड़ने के लिए सीट नहीं दिए जाने से नाराज JMM आरजेडी कोटे से एकमात्र मंत्री संजय यादव को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोढ़े ने बिहार चुनाव परिणाम और देश के अन्य राज्यों के चुनावों में परिणाम पर आधारित सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 50-55 लाख लोग ट्रेन से लाए गए। एक-एक व्यक्ति पर 4-5 हजार रुपये खर्च किए गए। बहुत सारी चीजें चुनाव में सबकी आंखों के सामने है। महाराष्ट्र चुनाव के पूर्व हम लोग केंद्रीय चुनाव आयोग से मिलने गए थे और उनसे डुप्लीकेट वोटरों का नाम काटने का आग्रह किया। लेकिन आयोग के अध्यक्ष हमपर ही भड़क गए। कानून की धमकी देकर हमें चुप कराने की कोशिश की। जब हमने बताया कि मैं खुद वकील हूं तो वे बिफर गए और हम जो विज्ञप्ति लेकर गए थे, उसे छीन लिया। फोटो खिंचवाने के लिए भी तैयार नहीं हुए। यह एक उदाहरण है कि चुनाव आयोग कैसे काम करता है।
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बिहार चुनाव के नतीजों से झारखंड कांग्रेस में चिंता है। पार्टी नेतृत्व परिणामों का विश्लेषण कर रहा है और खराब प्रदर्शन जारी रहने पर पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। बिहार में चुनाव परिणाम झारखंड के कई सीनियर नेताओं के लिए चेतावनी भरा संदेश दे रहा है। खासकर उन नेताओं के लिए जिन्हें पार्टी में पद तो मिला है लेकिन, काम करने में पीछे रह जा रहे। ऐसे नेताओं की निगरानी शुरू कर दी जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद झारखंड के कांग्रेसी भी सकते और सदमे में हैं। पार्टी के कई नेता कुछ बोल पाने की स्थिति में भी नहीं हैं।
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बिहार में पार्टी की हार के बाद कई नेताओं के मुखर होने का खतरा पार्टी नेतृत्व को सताने लगा है। यही कारण है कि बयानबाजी पर रोक लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड के नेता सोशल मीडिया पर ही भिड़ गए हैं। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और मंत्री संजय यादव के बीच तीखी बहस हुई। दुबे ने यादव को ‘झारखंड का गुंडा’ कहा, जिसके जवाब में यादव ने गंभीर परिणाम की धमकी दी। यादव ने पहले दीपिका पांडेय सिंह पर कांग्रेस का समर्थन करने का आरोप लगाया था। बिहार चुनाव में झारखंड के नेताओं की भूमिका और कहलगांव में राजद की हार से राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
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बिहार विस चुनाव में अपनी राजनीतिक ताकत झोंकने वाले गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के अलावा झारखंड के दो मंत्री संजय यादव और दीपिका पांडेय सिंह के रिश्तों में अब खटास आ गई है। खटास ऐसी की शब्दों की मर्यादा सीमा लांघ रही। डॉ. निशिकांत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में संजय यादव को झारखंड का गुंडा से अलंकृत किया तो संजय यादव ने कपड़े उतरवा कर गोड्डा से खदड़ने और कुंडली खोलने की धमकी दे डाली। इससे पूर्व श्रम मंत्री संजय यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के खिलाफ भी मोर्चा खोला था। कहा था, विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने दीपिका पांडेय सिंह के लिए क्या किया, यह बताने की जरूरत नहीं है। कहलगांव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उनके पुत्र रजनीश भारती को टिकट देकर चुनाव में उतारा। नामांकन के पूर्व तेजस्वी यादव ने कहलगांव आकर माहौल बनाया। इसके बाद इसे अपनी पारंपरिक सीट बताते हुए कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतार दिया। इसको लेकर भी दोनों में खटास है। कुल मिलाकर कांग्रेस जहां चेतनाशुन्य की स्थिति में है वहीं राजद अपने भविष्य को लेकर चिंतित दिख रही है।
