छात्रों की बेहतरीन शिक्षा और सुविधा हमारे लिए सर्वोपरि : संदीप सिंह

  •  मंत्री ने योजना भवन में की विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा
  • KGBV में बालिकाओं को मानक के अनुरूप सुविधाएँ सुनिश्चित हों: संदीप सिंह
  • सरकारी योजनाओं की सख्त मॉनिटरिंग के निर्देश, एक माह में निर्देशों का किया जाए अनुपालन
  • यूनिफॉर्म हेतु ₹1200 DBT के माध्यम से सभी अभिभावकों तक पहुंचे: मंत्री
  • KGBV में महिला अधिकारियों को बालिकाओं से अलग संवाद का दिया निर्देश
  • परिश्रम का कोई विकल्प नहीं, आराम साइलेंट किलर है: संदीप सिंह

लखनऊ। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने सोमवार को योजना भवन में विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट और कड़े दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुगम सुविधाओं और सुरक्षित शिक्षण वातावरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्पष्ट कहा कि छात्रों की पढ़ाई और विकास में किसी भी प्रकार की बाधा स्वीकार नहीं। उन्होंने छात्रों के साथ ही बालिकाओं को हर सुविधा मानक के अनुरूप दिए जाने के भी निर्देश दिए। साथ ही, शिक्षकों पर अनुचित कार्रवाई या दबाव न बनाने की भी हिदायत दी। उन्होंने अधिकारियों को लगन से काम करने को भिनप्रेरित किया और कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं। आराम साइलेंट किलर है।

DBT से यूनिफॉर्म की धनराशि हर अभिभावक तक पहुंचे

उन्होंने कहा कि बच्चों की यूनिफॉर्म हेतु ₹1200 की DBT राशि शत-प्रतिशत अभिभावकों के खातों में पहुंचे। सभी बच्चों का आधार वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जाए। ज्यादातर बच्चों का वेरिफिकेशन हो चुका है और जो रह गए हैं उनका वेरिफिकेशन भी मिशन मोड में किया जाए।

KGBV में बालिकाओं को मिलें उत्कृष्ट सुविधाएं

मंत्री  ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों पर विशेष फोकस देते हुए कहा कि बालिकाओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो।सभी मानकों का नियमित क्वालिटी चेक हो। गतिविधियों का नियमित निरीक्षण अनिवार्य है। महिला अधिकारी बालिकाओं से अलग से संवाद करें। विद्यालय में रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए।

15–20 मिनट की देरी पर न रोका जाए वेतन

मंत्री  ने निर्देश दिए कि 15–20 मिनट की देरी पर बिना वजह शो-कॉज नोटिस जारी न किया जाए। देरी का तर्कसंगत कारण सुनकर ही निर्णय लिया जाए। अव्यावहारिक कारण होने पर ही कार्रवाई हो। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी भी सूरत में शिक्षकों का मोरल डाउन नहीं होना चाहिए।

सरकारी योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण संचालन अनिवार्य

संदीप सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं की कड़ी मॉनिटरिंग की जाए। योजनाओं और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। एक माह के भीतर सभी दिशा-निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा अनिवार्य रूप से होगी, और जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं। आराम साइलेंट किलर है।

फील्ड पर स्वयं उतरें बीएसए, शिकायतों का करें निस्तारण

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कंपोजिट ग्रांट प्रत्येक विद्यालय तक पूरी और समयबद्ध रूप से पहुंचे। उन्होंने कहा कि बीएसए स्वयं एक दिन ब्लॉक पर बैठकर शिकायतों का निस्तारण करें और फील्ड में नियमित रूप से भ्रमण कर वास्तविक स्थिति की समीक्षा करें—यह उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। मंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि हर कर्मचारी का वेतन और एरियर समय पर मिले, साथ ही एडेड विद्यालयों में भी वेतन भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रक्रियाओं में लापरवाही और विलंब किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा।

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