- योजना से अंजाम तक रखते थे चारों निगरानी,
- इनकी गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। हैदराबाद निवासी 35 वर्षीय अहमद मोहिउद्दीन सैयद, लखनऊ के डालीगंज मकान नंबर 121 निवासी शाहीन शाहिद, उसका भाई परवेज अंसारी व जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र निवासी मुजम्मिल अहमद गनी उर्फ मुसैब। ये चारों डॉक्टर हैं, लेकिन शरीर पर डॉक्टरों का चोला सिर्फ दिखावे में था इसकी आड़ में ये सभी आतंक की दुकान चलाते थे। इनकी धरपकड़ हुई तो इनके पास से सिर्फ एके 47 हथियार नहीं बल्कि 2900 किलोग्राम विस्फोटक भी बरामद हुआ था। गुजरात एटीएस, जांच एजेंसी और जम्मू-कश्मीर पुलिस इनके तह तक पहुंची तो पता चला कि जिन लोगों को लोग जमीनी स्तर पर भगवान मानते थे वे तो बहुत बड़े हैवान निकले।
महिला आतंकी शाहीन, उसका भाई डॉ परवेज अंसारी, डॉ अहमद मोहिउद्दीन सैयद व डॉ मुजम्मिल सोमवार शाम देश की राजधानी दिल्ली के लाल किला मैट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की योजना बनाने से लेकर धमाकों तक की निगरानी रखने की बात सामने आ रही है। इसलिए जांच एजेंसियां महिला सहित चारों डॉक्टरों को हिरासत में लेकर दिल्ली में हुए विस्फोट के मामले में पूछताछ कर रही है।
हालांकि जानकार सूत्र बताते हैं कि एटीएस और जांच एजेंसियों इनकी काफी दिनों से तलाश थी, लेकिन बड़ा सवाल है कि एटीएस और जांच एजेंसियों को उस समय कामयाबी हासिल हुई जब आतंकी अपने नापाक इरादों में कामयाब हो गए। इन घिनौनी हरकत करने वालों ने ऐसी योजना बनाई कि दर्जन भर से अधिक बेगुनाहों की जान चली गई। एटीएस और जांच एजेंसियों को अब उस खतरनाक आतंकी की तलाश है, जिसने कार में बम ब्लास्ट किया।
अब निशाने पर आतंकी
लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धीमी गति से चल रही आई 20 कार में सोमवार रात हुए जबरदस्त विस्फोट में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। इस घटना से पहले गुजरात एटीएस और जांच एजेंसियों ने महिला आतंकी डॉक्टर शाहीन शाहिद सहित चार डॉक्टरों व अन्य आतंकियों को पकड़ा था, लेकिन खुफिया एजेंसी या फिर बम निरोधक दस्ते को ज़रा सा भी आभास नहीं था कि जिन्हें दबोचने में कामयाबी हासिल की है वह अपनी योजना में कामयाब हो चुकें हैं। यही हुआ दिन में पकड़े गए और देर शाम देश की राजधानी दिल्ली में बम धमाका हो गया।
इन आतंकियों की गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इन गिरफ्तारियों से देश-प्रदेश में छिपे अन्य कई आतंकियों तक पहुंच आसान होगी। घटना और इनकी गिरफ्तारी तथा इनके पेशे पर गौर करें तो आखिर डॉक्टर से आतंकी क्यों बने, इनका मकसद क्या था और यह लोग क्या करना चाहते थे, क्या किसी को मारकर जन्नत मिलती है यह सवाल फिलहाल हर किसी को बेचैन कर रहा है कि इस्लाम में कहीं इसका जिक्र नहीं है कुरान शरीफ की आयत में साफ तौर पर कहा गया है कि किसी की जान लेना पाप नहीं महा पाप है। इस्लाम में इंसानियत का पैगाम दिया गया है यह नहीं कि किसी का कत्ल या फिर नुकसान पहुंचाने से जन्नत मिलेगी। माना जाए तो यह डॉक्टर नहीं जल्लाद से बत्तर हैं।
