- 22 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (SSB) महाराजगंज की पहल”
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज। भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से 22 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (SSB) महाराजगंज द्वारा “नारी शक्ति” कौशल विकास के माध्यम से महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम “नागरिक कल्याण कार्यक्रम” के तहत श्यामकट पंचायत भवन, एफ कम्पनी मुख्यालय सोनौली में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 22 वीं वाहिनी SSB महाराजगंज के कमांडेंट शक्ति सिंह ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। इस अवसर पर कुमार फाउंडेशन (NGO) के आकाश कुमार, प्रशिक्षक देवी, श्यामकाट पंचायत के प्रधान वशिष्ठ खंडू, बधारी गांव के प्रधान विजय, तथा सहायक कमांडेंट (संचार) जितेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
एफ कम्पनी सोनौली के कम्पनी कमांडर सहायक कमांडेंट सी. विवेक ने एसएसबी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 2001 से एसएसबी भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ सीमावर्ती गांवों के विकास हेतु निरंतर नागरिक कल्याण कार्यक्रम चला रही है। उन्होंने बताया कि यह ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कोर्स 16 नवम्बर से 26 नवम्बर 2025 तक चलेगा, जिसमें 15 दिनों तक प्रतिदिन 4 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में श्यामकाट, जसवल टोला, भगवानपुर, अहिरौली, मदरी आदि सीमावर्ती गांवों की 30 महिलाएं भाग ले रही हैं। कुमार फाउंडेशन के आकाश कुमार ने प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह कोर्स महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि एसएसबी और उनका एनजीओ मिलकर सीमावर्ती जनसंख्या के सर्वांगीण विकास, सेवा, सुरक्षा और भाईचारे के लिए कार्यरत हैं।

कमांडेंट शक्ति सिंह ठाकुर ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि “हर महिला में असीम क्षमता होती है। कौशल विकास के माध्यम से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन सकती हैं बल्कि अपने परिवार, गांव और राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने बताया कि एसएसबी सीमाओं की सुरक्षा, तस्करी और असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम के साथ-साथ सीमावर्ती नागरिकों के कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के लिए लगातार कार्यरत है। कमांडेंट ठाकुर ने प्रतिभागियों को सुझाव दिया कि वे प्रशिक्षण के दौरान जिज्ञासु बनें, प्रश्न पूछें और अधिक से अधिक सीखें। उन्होंने प्रशिक्षुओं को आश्वासन दिया कि एसएसबी द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ सीखने का माहौल और आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले महीनों में कंप्यूटर प्रशिक्षण, ड्राइविंग कोर्स, सिलाई प्रशिक्षण, और CAPF भर्ती जागरूकता कार्यक्रम जैसे अन्य पाठ्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे ताकि सीमा क्षेत्र के लोगों को अधिक अवसर मिल सकें। सभी महिला प्रतिभागियों ने SSB और कमांडेंट ठाकुर के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन समूह फोटोग्राफी के साथ हुआ और तत्पश्चात प्रशिक्षण की प्रारंभिक कक्षाएं प्रारंभ हुईं। यह कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त पहल है,
जो सीमावर्ती क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और विकास की नई दिशा तय करेगा।
