नया लुक ब्यूरो
रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में हुए बहुचर्चित टेंडर घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ नए आरोपियों के खिलाफ चौथा आरोप पत्र दाखिल किया है। इस नए आरोप पत्र में तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल की पत्नी रीता लाल समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है। विशेष PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम) अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन जारी किया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 नवम्बर 2025 को निर्धारित की है और तब तक सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।

ED के इस चौथे आरोप पत्र में ठेकेदार राजेश कुमार को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसके साथ ही उसकी कंपनियां राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और परमानंद सिंह बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड को भी नामजद आरोपित किया गया है। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को विभिन्न ठेकेदारों द्वारा बतौर घूस भरी रकम दी गई थी, जिसमें महंगी गाड़ियाँ और करोड़ों रुपये नकद शामिल हैं। ठेकेदार राजेश कुमार द्वारा वीरेंद्र राम को ₹1.88 करोड़ एवं दो लग्जरी गाड़ियाँ — Toyota Innova और Fortuner — दी गईं। ठेकेदार राधा मोहन साहू ने ₹39 लाख और एक Fortuner गाड़ी (अपने पुत्र अंकित साहू के नाम पर) रिश्वत में दी थी।
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इसके अलावा वीरेंद्र राम के करीबी अतिकुल रहमान के घर से छापेमारी के दौरान ₹4.40 लाख नकद बरामद हुए, जबकि ठेकेदार राजीव कुमार सिंह के ठिकाने से ₹2.13 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। पूछताछ में उसने ₹15 करोड़ रुपये रिश्वत देने की बात स्वीकारी। ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि रीता लाल ने अपने पति संजीव लाल की अवैध कमाई से कई संपत्तियाँ खरीदी थीं। अब तक की जांच में कुल ₹37 करोड़ रुपये नकद बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से ₹32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के करीबी जहांगीर आलम के ठिकानों से मिले थे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईडी तीन आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है, जिसमें तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम, आप्त सचिव संजीव लाल, अभियंता वीरेंद्र राम, उनके परिजन, हवाला कारोबारी और दिल्ली स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत कुल आठ आरोपी बनाए गए थे।
