- सरकार ने अफवाहों पर ध्यान न देने और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की
- सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को सतर्क रहने को कहा गया
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू। नेपाल में जेन-जी पार्टी को लेकर राजनीतिक हालात दिन-प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे हैं। सत्ता और विपक्ष के बीच जारी वर्चस्व की लड़ाई अब सड़कों पर उतर आई है। विभिन्न प्रांतों में जेन-जी पार्टी के समर्थक और विरोधी आमने-सामने आ गए हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, हालात जिस तेजी से बिगड़ रहे हैं, उसे देखते हुए देश एक बड़े गृह युद्ध की ओर बढ़ सकता है।जानकारी के मुताबिक, जेन- जी पार्टी के नेताओं ने सरकार पर भ्रष्टाचार, तानाशाही रवैये और अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं सरकार ने पार्टी पर देश विरोधी को बढ़ावा देने और बाहरी शक्तियों से मिले समर्थन का इस्तेमाल कर अशांति फैलाने का आरोप लगाया है।
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सूत्रों के मुताबिक, नेपाली प्रशासन को यह आशंका है कि अगर हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो देश में एक बार फिर गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से राजधानी काठमांडू, पोखरा, बिराटनगर और रूपन्देही में तनाव चरम पर है। इस बीच खबर यह भी है कि भारत में रहने वाले नेपाली मूल के लोग और नेपाल से जुड़े रिश्तेदार जेन-जी पार्टी के समर्थन में खुलकर सामने आ रहे हैं। कई भारतीय सीमावर्ती इलाकों से भी जेन- जी पार्टी के समर्थन में आवाज उठाई जा रही है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नेपाल में यह संघर्ष केवल सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि विचारधाराओं की जंग बनती जा रही है। यदि सभी पक्षों ने संयम नहीं बरता, तो यह संकट नेपाल की स्थिरता और विकास को गहरी चोट पहुंचा सकता है।नेपाली प्रशासन ने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए है, वहीं सुरक्षा बलों को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
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