100 साल पुराने शिव मंदिर में तोड़फोड़ से भड़का गुस्सा

  • शिवलिंग और नंदी की मूर्तियां खंडित, गांव में भड़का आक्रोश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर क्षेत्र में रविवार की सुबह एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया। गौरी लख्खा गांव स्थित लगभग सौ साल पुराने प्राचीन शिव मंदिर में अज्ञात अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ की और शिवलिंग के साथ-साथ नंदी की मूर्तियों को भी खंडित कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही गांव में तनाव और आक्रोश का माहौल फैल गया। ग्रामीणों ने इस कृत्य को धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताते हुए पुलिस प्रशासन से तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग की, रविवार की सुबह जब स्थानीय निवासी पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे तो उन्होंने मंदिर के गर्भगृह का नजारा देखकर सन्न रह गए। शिवलिंग का ऊपरी हिस्सा टूटा पड़ा था और नंदी की मूर्ति भी खंडित अवस्था में थी। आसपास के क्षेत्र में पत्थर और टूटे हुए टुकड़े बिखरे पड़े थे। यह दृश्य देखकर ग्रामीणों के पैरों तले जमीन खिसक गई। कुछ ही देर में पूरे गांव में खबर फैल गई और देखते ही देखते मंदिर परिसर में सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए।

पुलिस पहुंची मौके पर, शुरू हुई जांच

सूचना मिलते ही चौबेपुर थाने की पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और मंदिर परिसर को घेर लिया। पुलिस ने मंदिर के अंदर और आसपास का वीडियो रिकॉर्डिंग कर साक्ष्य एकत्रित करने का काम शुरू किया। चौबेपुर थाना अध्यक्ष ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस तरह की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली हरकत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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ग्रामीणों में उबाल, सख्त कार्रवाई की मांग

मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। गांव के लोग अराजक तत्वों की गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जो भी इस शर्मनाक कृत्य में शामिल हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से दंडित किया जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति धार्मिक स्थलों के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न करे। गांव के लोग लगातार मंदिर परिसर में इकट्ठा होकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं। मंदिर के पास रहने वाले मनु नामक युवक ने बताया कि करीब तीन महीने पहले ही उनके परिवार ने इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। उन्होंने बताया कि उनकी छोटी बहन ने मंदिर की मरम्मत और सौंदर्यीकरण में काफी धन खर्च किया था। इसके साथ ही नरेगा योजना के तहत मंदिर तक जाने वाली सड़क का निर्माण भी हाल ही में पूरा हुआ था।

मंदिर की सामाजिक भूमिका और इतिहास

कहा जाता है कि गौरी लख्खा गांव का यह शिव मंदिर लगभग 100 साल पुराना है और यहां हर सोमवार और श्रावण मास में दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यह मंदिर भव्य सजावट से चमक उठता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस मंदिर ने वर्षों से गांव की एकता और आस्था का प्रतीक बने रहकर समाज को जोड़ने का कार्य किया है।

ब्लॉक प्रमुख का बयान

गांव के ब्लॉक प्रमुख विनोद शुक्ला ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है और इसकी बेअदबी किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएगी।

सुरक्षा के इंतजाम और पुलिस की रणनीति

घटना के बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। अतिरिक्त पुलिस बल गांव में तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना या साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न न हो। स्थानीय प्रशासन ने भी जिला अधिकारियों के निर्देश पर निगरानी बढ़ा दी है। पुलिस ने मंदिर के आसपास आने-जाने वाले सभी संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि कुछ अहम सुराग मिले हैं जिनके आधार पर जल्द ही अपराधियों तक पहुंच बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेना सही नहीं। उन्होंने प्रशासन पर भरोसा जताते हुए कहा कि दोषी जल्द पकड़े जाएंगे।

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आस्था बनाम अराजकता-समाज के लिए चेतावनी

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर समाज में धार्मिक स्थलों पर हमला करने की मानसिकता क्यों बढ़ रही है। वहीं कुछ लोग इस आस्था को तोड़ने पर तुले हैं। कानपुर जैसी ऐतिहासिक नगरी, जो धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जानी जाती है, वहां का यह कृत्य पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में प्रशासन को सख्त कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता पर भी ध्यान देना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियां धार्मिक सौहार्द की मिसाल कायम कर सकें।

पुलिस जांच का अगला चरण

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मंदिर परिसर से कुछ टूटे टुकड़े, एक कपड़े का फटा हुआ टुकड़ा और एक लाइटर बरामद किया गया है। इन वस्तुओं को फॉरेंसिक टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक संदिग्ध व्यक्ति को भी देखा गया था, जिसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से की जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि जल्द ही एक स्केच जारी किया जाएगा। घटना की जानकारी मिलते ही कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की है। बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और स्थानीय संत समाज ने इस तोड़फोड़ को हिंदू आस्था पर हमला बताते हुए प्रदर्शन की चेतावनी दी है। जिला प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई है। डीएम और एसपी ने मौके का निरीक्षण कर जांच अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था की पुनर्समीक्षा का आदेश भी जारी किया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि संवेदनशील मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी और रात में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

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