- आधुनिक विज्ञान से लेकर आयुर्वेद तक की एक ही सलाह- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सेक्स है जरूरी
- यदि आप भी सेक्स में अरुचि रखती हैं तो सावधान! जल्दी से खुद को कर लीजिए तैयार नहीं तो हो जाएंगी बीमार
नया लुक डेस्क
सेक्स न केवल एक शारीरिक क्रिया है, बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी कहा जाता है। चाहे विज्ञान हो या आयुर्वेद – दोनों ही सेक्स को स्वस्थ बनाए रखने का एक प्राकृतिक तरीका मानते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सेक्स जीवन के चार पुरुषार्थों (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) में से एक है। इससे शरीर ओज, तेज और बल बनाए रखने में सहायक होता है। चिकित्सकों का कहना है कि नियमित रूप से सेक्स करने से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त प्रवाह बेहतर होता है। यह हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने में मदद करता है।
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सेक्स के दौरान शरीर में इम्युनोग्लोबिन-A (IgA) नामक एंटीबॉडी बढ़ती है, जो रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाती है। इसके अलावा डोपामिन, ऑक्सीटोसिन और एंडॉर्फिन जैसे ‘फील गुड’ हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि सेक्स के बाद शरीर में रिलैक्सेशन हार्मोन जैसे प्रोलैक्टिन निकलते हैं, जो नींद को गहरा और शांत बनाते हैं। इसके साथ ही यह एक प्रकार का शारीरिक क्रिया भी है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार एक बार के सेक्स करने से करीब 100 से 150 कैलोरी तक बर्न होती हैं। वहीं साइकोलॉजी पर काम करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि सेक्स करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। यह एक भावनात्मक बंधन बनाता है जिससे पार्टनर के बीच विश्वास मजबूत होता है।
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यदि आपके बीच में किसी प्रकार का अनबन चल रहा है तो इसे दूर करने के लिए आपको शारीरिक सम्बन्धों को नियमित करना होगा। डॉक्टरों का कहना है कि नियमित और संतोषजनक यौन संबंध वैवाहिक जीवन को खुशहाल और गहरा बनाते हैं। इससे कपल्स के बीच प्यार और समझ दोनों बेहतर हो जाते हैं। वहीं सेक्स के बाद शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन निकलता है जिसे ‘लव हार्मोन’ कहा जाता है। यह हमें खुशी, संतोष और भावनात्मक सुरक्षा का अहसास कराता है।
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आयुर्वेद के सिद्धांतों की मानें तो शुक्र धातु का पोषण होता है, जो शरीर की ऊर्जा और प्रजनन क्षमता का मूल स्रोत है। यह त्रिदोषों (वात, पित्त, कफ) का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, विशेषकर वात दोष को नियंत्रित करता है। साथ ही सेक्स करने से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है। हालांकि, आयुर्वेद के सिद्धांत कहते हैं कि सेक्स संतुलित और ऋतुकाल में ही होना चाहिए। अत्यधिक या असमय किया गया सेक्स शरीर की शक्ति को कमजोर कर सकता है।
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सेक्स और हार्मोन
सेक्स करने से शरीर में कई लाभकारी हार्मोन निकलते हैं। इन हार्मोन की वजह से सेक्स के बाद व्यक्ति मानसिक रूप से शांत, संतुष्ट और खुश महसूस करता है। जीवन में प्यार को गहरा करने के लिए सेक्स एक बड़ा ही सरल कारण है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेक्स के बाद कौन-कौन से हार्मोन शरीर से निकलते हैं। यदि नहीं तो आप जान लीजिए। सेक्स के बाद शरीर में चार प्रकार के हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं, जिनका शरीर में निम्नलिखित कार्य है।
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ऑक्सीटोसिन: प्यार और भरोसे का हार्मोन
एंडॉर्फिन: दर्द कम करने और मूड बेहतर करने वाला हार्मोन
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डोपामिन: मोटिवेशन और खुशी का हार्मोन
प्रोलैक्टिन: संतोष और नींद में सहायक हार्मोन
