मथुरा। 54 साल के बाद वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का खजाना यानि तहखाना खोला गया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के 11 सदस्यों के सामने तहखाने का ताला विधि विधान से पूजा पाठ के बाद खोला गया। तहखाना के दरवाजे पर लगे ताले को खोलने से पहले देशी घी का एक दीपक जलाया गया और नीम की पत्तियां रखी गईं। गोस्वामी समाज के पंडित ने मंत्र उच्चारण करने के बाद ताला खोलने की तैयारी शुरू की लेकिन, तहखाने (खजाने) की चाबी नहीं मिली। इसके बाद आला-अफसरों ने आनन-फानन गैस कटर मंगाया और फिर इससे ताले काटे गए। जैसे ही दरवाजा खुला वैसे ही धूल का बड़ा सा गुबार उठा। इस पूरी प्रकिया की वीडियोग्राफी की जा रही है।
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दरअसल हर कोई जानना चाहता है कि इस खजाने में क्या क्या है ? तहखाने में रखे महत्वपूर्ण सामान और खजाने की आज के समय कितनी कीमत है? खजाना खुलने के बाद इस रहस्य से पर्दा उठ सकेगा कि मंदिर के पास कितनी संपत्ति है। दरअसल हर कोई जानना चाहता है कि इस खजाने में क्या है? तहखाने में रखे महत्वपूर्ण सामान और खजाने की आज के समय कितनी कीमत है? सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के 11 सदस्यों के सामने दोपहर 2 बजे से खजाना खोलने का काम शुरु किया जाएगा।
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साथ में 10 साल बिताने के बाद उठाया ऐसा कदम कि सुनने वाले रह गए दंग
इस दौरान जिले के तमाम बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी। खजाने में रखे बेशकीमती सामान की सूची तैयार करने के बाद इसे दोबारा से बंद कर दिया जाएगा। देखने वाली बात तो ये है कि यह खजाना खुल पाएगा या नहीं क्योंकि मान्यता है कि इसकी रक्षा स्वयं शेषनाग करते हैं।
धनतेरस को खुलेगा बांके बिहारी मंदिर का 160 साल पुराना खजाना!
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमेटी शनिवार दोपहर 2 बजे ठाकुर बांके बिहारी मंदिर ग्रर्भ ग्रह के नीचे के तहखाने यानि खजाने को खोलेगी। इस खजाने (तहखाने) में बेशकीमती हीरे-जेवारत, सोना-चांदी निकलने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे पहले 1971 जब तहखाना खोला गया था और इसके बाद से यह सील है। 1990 में तहखाना खोलने का प्रयास किया गया था लेकिन, खुल नहीं सका था। मंदिर प्रबंधन के शैलेंद्र गोस्वामी ने बताया कि सिविल जज जूनियर डिवीजन के निर्देशन में बांके बिहारी मंदिर का तहखाना खुलेगा और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी। इस दौरान कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे। 1971 में जो सामान तहखाने से निकला था उसे प्रबंधन कमेटी ने बांके बिहारी मंदिर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर में रखवा दिया था। इस 11 सदस्यीय कमेटी में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक कुमार, सिविल जज जूनियर डिवीजन के निर्देशन शिप्रा दुबे, नगर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, मंदिर के लेखा अधिकारी के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी, बांके बिहारी मंदिर के चार गोस्वामी शामिल हैं।
