राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
भारत में आठ अक्तूबर को वायुसेना दिवस मनाया जाता है, ताकि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलों और उसके पायलटों को सम्मानित किया जा सके। इस साल भारत ’93वां वायुसेना दिवस’ मना रहा है। इस दिन हर वर्ष भारतीय वायु सेना के विमानों द्वारा आसमान में हैरतअंगेज करतब किए जाते हैं।
इतिहास : भारतीय वायु सेना (IAF) अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। इसकी आधिकारिक स्थापना आठ अक्तूबर, 1932 को हुई थी। तब से यह दिन पूरे देश में वायुसेना के ठिकानों पर एयर शो और परेड के साथ मनाया जाता है, जिसमें वायुसेना के कैडेट शामिल होते हैं। क्योंकि भारतीय वायुसेना (IAF) की मुख्य जिम्मेदारी भारतीय हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ किसी भी टकराव के दौरान हवाई युद्ध करना है।
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भारतीय वायुसेना के इतिहास में कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं,
1947-48 : कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाक युद्ध में भागीदारी, भारतीय वायुसेना का पहला हवाई युद्ध मिशन।
1965 और 1971: भारत-पाकिस्तान युद्धों में प्रमुख योगदान, भारतीय वायु सेना ने 1971 के युद्ध में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
1999: कारगिल युद्ध में भागीदारी , जहां भारतीय वायुसेना के सटीक हवाई हमलों ने स्थिति को भारत के पक्ष में मोड़ दिया।
ये है भारतीय वायुसेना का ध्येय वाक्य
भारतीय वायु सेना का ध्येय वाक्य है ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’। यह वाक्य भगवत गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण के अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है। इसी ध्येय वाक्य के साथ भारतीय वायु सेना अपने एक्शन को अंजाम देती है। IAF ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में अपनी अहम भूमिका निभाई है। संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर भी वायुसेना ने शांति मिशनों में खास रोल निभाया। दुनिया की टॉप 10 सबसे ताकतवर वायु सेनाओं की रैंकिंग में इंडियन एयरफोर्स चौथे स्थान पर है।
