वाराणसी । मलदहिया स्थित एक होटल में प्रो. डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक हीमोफीलिया गाइडलाइन्स एंड मैनेजमेंट का विमोचन राष्ट्रीय महिला आयोग की सलाहकार सदस्य डॉ. शिप्रा धर ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हीमोफीलिया एक जन्मजात आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें बार-बार अत्यधिक रक्तस्राव से जोड़ों व मांसपेशियों में सूजन और हेमेटोमा बन जाता है, जिससे बच्चों को असहनीय दर्द झेलना पड़ता है। लेखक प्रो. डॉ. मनोज ने बताया कि इस पुस्तक का उद्देश्य समाज को दर्द रहित जोड़ और दिव्यांगता मुक्त जीवन की दिशा में जागरूक करना है, जो सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो सकता है। पुस्तक के संपादन में डॉ. प्रो वीपी सिंह और प्रो. एलपी मीना का विशेष सहयोग रहा। चिकित्सा विज्ञान संस्थान मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एल.पी. मीना ने हीमोफीलिया मैनेजमेंट से संबंधित नवीन जानकारी और अपने शोध प्रस्तुत किए। संस्था के सचिव डॉ. ओपी पाण्डेय ने बताया कि उनकी संस्था 1995 से अब तक हीमोफीलिया से पीड़ित बच्चों को निरंतर सहायता, फैक्टर उपलब्ध कराने और फिजियोथैरेपी सुविधा देने का कार्य कर रही है।
कार्यक्रम का संचालन संस्था के सीईओ संदीप पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.ओपी पाण्डेय ने किया। डॉ. मनोज की इस उपलब्धि पर गाजीपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आनंद मिश्रा, प्रो. एके सिंह, डॉ. धनंजय वर्मा, डॉ. एमके यादव, डॉ. पूनम, आईएमए बनारस शाखा के सचिव डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह, डॉ. सी.पी. सिंह, बीएचयू के प्रो. सत्येन्द्र कुमार सिंह, डॉ. जीएन. श्रीवास्तव, प्रो. राजेश कुमार, डॉ. नीति सिंह, प्रो. निलेश, डॉ. दीपा रानी, डॉ. अंजू भारती, डॉ. अभिषेक मौर्या, डॉ. विनीत, डॉ. पंकज कुमार सिंह, विवेक सूद, डॉ. आलोक सिंह, डॉ. अतुल सिंह सहित अनेक चिकित्सकों ने बधाई दी।
