उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू /नेपाल। नागरिक बचाओ अभियान नेपाल के अध्यक्ष और दवा व्यवसाई दुर्गा प्रसाई ने अपने एक बयान में कहा है कि वर्तमान में देश के मौजूदा हालात को देखते हुए नेपाली सेना को अभी और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में जनयुद्ध के नाम पर 17,500 लोगों की जान लेने वाला युद्ध चला, जिसमें खरबों की संपत्ति बम और बारूदी हमलों से नष्ट कर दी गई, 50,000 लोग घायल हुए और देश 50 वर्ष पीछे धकेल दिया गया। आज, उसे भुला देने वाला Gen Z आंदोलन हुआ, जिस पर राज्य ने क्रूरतापूर्वक दमन किया और सैकड़ों निर्दोष बच्चों की जान ली। हजारों लोगों को अपंग और घायल बना दिया गया। 50 खरब से अधिक की राज्य संपत्ति बर्बाद हो गई। देश फिर से 50 साल पीछे चला गया।
उस समय माओवादी युद्ध को वर्ग-दुश्मन के रूप में लड़ते रहे, और अंततः उन्हीं पार्टियों के चरणों में युद्ध का परिणाम रखकर उनसे गले मिले। इस तरह जनयुद्ध का पूरा औचित्य समाप्त कर दिया गया। ठीक उसी प्रकार, आज का Gen Z आंदोलन भी राष्ट्रपति की गोद में सौंपने की कोशिश हो रही है। यह आंदोलन केवल Gen Z का नहीं, बल्कि पूरे नेपाली जनता का है। लेकिन इसे विफल करने के लिए Gen Z को निशाना बनाया जा रहा है। Gen Z युवाओं की आवाज सड़कों पर बिखरी हुई है। उनके बीच मतभेद बढ़ रहे हैं। सही नेतृत्व की पहचान नहीं हो पा रही। नेतृत्व संभालने कोई आगे नहीं आ रहा।
इस सबका परिणाम यह होगा कि वही दलाल, भ्रष्ट और देशद्रोही फिर से सिर उठाने का मौका पाएंगे। इसलिए Gen Z आंदोलन को सार्थक बनाने के लिए समय रहते सबको गंभीरता से सोचना होगा, नहीं तो देश और भी भयावह गृहयुद्ध की ओर फंसता जाएगा। नेपाल की सेना को अभी सतर्क रहना जरूरी है। Gen Z को लक्षित कर की जा रही गिरफ्तारी और दमन की कार्रवाइयां तुरंत बंद की जानी चाहिए। अन्यथा स्थिति और भयावह होना निश्चित है।
