- वारदात के बाद टूटती है पुलिस-प्रशासन की नींद
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। कुछ साल पहले चिनहट कस्बे में आतिशबाज रहीम बख्श के बेटे की मौत
वर्ष 2004 : मोहनलालगंज के मऊ गांव में विस्फोट तीन घायल
28 सितंबर 2006 : चिनहट कस्बे में हुए विस्फोट चर्चित आतिशबाज टिन्ना और उनके पोती की मौत
12 अगस्त 2007 : काकोरी के मौदा गांव में पटाखे में आग लगने से एक बच्चे की मौत
नौ अक्टूबर 2008 : बंथरा में दशहरा मेले आतिशबाजी में विस्फोट, अयोध्या प्रसाद नाम के शख्स की मौत
17 अक्टूबर 2009 : चिनहट क्षेत्र के मल्हौर रेलवे स्टेशन के फाटक पर पटाखे की बोरी में विस्फोट, दंपति की मौत
18 जून 2012 : पारा क्षेत्र घर के भीतर विस्फोट, दो की मौत
12 सितंबर 2012 : मोहनलालगंज के कनकहा गांव में विस्फोट, दो महिलाओं की मौत
28 सितंबर 2012 : पारा क्षेत्र के बादल खेड़ा स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट दो की मौत
वर्ष 1998 : मोहनलालगंज के सिसेडी कस्बे में विस्फोट, तीन की मौत,
27 अक्टूबर 2004 : गोसाईगंज में एक की मौत
सात अक्टूबर 2004 : कल्ली पश्चिम में विस्फोट, तीन की मौत
मई 2008 : जैती खेड़ा तिराहे पर विस्फोट, एक की मौत
20 सितंबर 2017 : मोहनलालगंज क्षेत्र स्थित सिसेडी निवासी आतिशबाज खलील के मकान में विस्फोट, खलील सहित आधा दर्जन लोगों की मौत
31 अगस्त 2025 : गुडंबा क्षेत्र स्थित बेहटा कस्बे में आतिशबाज आलम के पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, आलम और उनकी पत्नी मुन्नी की मौत, कई घायल
यह तो महज बानगी भर है इससे पहले भी यहां कई बार अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रही पटाखा कारखानों में विस्फोट हुआ और कईयों लोगों की जानें गईं। खास बात यह है कि दीपावली का पर्व करीब आते पटाखों का अवैध कारोबार राजधानी लखनऊ एवं उसके आसपास क्षेत्रों में धड़ल्ले से शुरू हो जाता है। गुडंबा क्षेत्र स्थित बेहटा कस्बे में जिस गोदाम में विस्फोट हुआ, वहां मानक से अधिक पटाखे और बारूद रखें जाने की बात सामने आ रही है। यह रविवार को गुडंबा क्षेत्र में हुई घटना का मामला इससे पहले हुई कई घटनाएं होने के बावजूद भी पुलिस-प्रशासन की ढिलाई से अवैध पटाखों का कारोबार बदस्तूर जारी है और हर साल कई बेगुनाह जान गंवा देते हैं बारूद के ढेर पर बैठे इन इलाकों में इसका फलता-फूलता कारोबार प्रशासनिक लापरवाही का भी मुख्य कारण है।
गुडंबा क्षेत्र स्थित बेहटा कस्बे में में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट और इस दौरान दंपति की हुई मौत ने एक बार फिर पुलिस-प्रशासन की पोल खोल दी। सूत्र बताते हैं कि राजधानी लखनऊ के आसपास, काकोरी, इटौंजा, अमानीगंज महोना, बीकेटी, मड़ियांव, चिनहट, गोसाईगंज, माल, मोहनलालगंज, पारा सहित कई इलाकों में धड़ल्ले से अवैध तरीके पटाखा कारखाने चल रहे हैं। स्थानीय पुलिस और संबंधित विभाग की नींदे उस समय टूटती है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है। इसकी बानगी गुडंबा क्षेत्र स्थित बेहटा कस्बे में हुई घटना है।
