पहलगाम में हुये आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सिर्फ़ हथियार नहीं उठाये, अब शब्दों और सच्चाई के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मोर्चा खोल दिया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत सरका सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के विभिन्न देशों में भेज रही है, ताकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब किया जा सके।
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को एक टीम का नेतृत्व सौंपा गया है। थरूर ने इसे “देशसेवा का सम्मान” बताते हुये खुशी जताई है। थरूर ने ‘X’ पर पोस्ट करते हुये लिखा कि “भारत सरकार ने हालिया घटनाओं पर देश का पक्ष रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की यात्रा के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का जो न्योता मुझे दिया है, उससे मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब बात देशहित की हो और मेरी सेवाओं की जरूरत हो, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। जय हिंद!”
कहानी में नया मोड़
कांग्रेस का दावा है कि थरूर उनके द्वारा सुझाए गए चार नामों में शामिल नहीं थे। राहुल गांधी ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम दिये थे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर सरकार से “परामर्श के बिना चयन” पर सवाल उठाया। वहीं, भाजपा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने कांग्रेस पर सुरक्षा और राष्ट्रहित के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
नेतृत्व करने वाले प्रमुख चेहरे
रविशंकर प्रसाद (भाजपा)गांधी
बैजयंत पांडा (भाजपा)
शशि थरूर (कांग्रेस)
संजय झा (जदयू)
कनीमोझी (DMK)
सुप्रिया सुले (NCP)
श्रीकांत शिंदे (शिवसेना)
