जन्म कुंडली नहीं है? तो करें ये महाउपाय

  • ज्योतिष समस्या से समाधान

डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी

आपका बुरा समय चल रहा हो तो आपको किसी विद्वान ज्योतिषी की सहायता लेनी ही पड़ेगी। कुछ लोगों की जन्म कुंडली या जन्म विवरण सही नहीं होता। ऐसी दशा में कैसे पता लगाया जाए कि आप पर किस ग्रह का प्रभाव चल रहा है! कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनका सीधा सम्बन्ध किसी ख़ास योग या ग्रह से होता है।  जैसे कि…

बुध का अशुभ प्रभाव व निवारण

अगर आपको अचानक धन हानि होने लगे। आपके पैसे खो जाएँ, कारोबार,नौकरी इत्यादि में बरकत न रहे, दमा या सांस की बीमारी हो जाए, त्वचा सम्बन्धी रोग उत्पन्न हों, कर्ज उतर न पाए, किसी कागजात पर गलत दस्तखत से नुक्सान हो तो आप पर बुध ग्रह का कुप्रभाव चल रहा है। इसके लिए बुधवार के दिन गाय को हरा चारा व 50 ग्राम चने की दाल व गुड़ खिलाएं व अभिमंत्रित किया हुआ पन्ना रत्न चांदी में धारण करें।

गुरु का अशुभ प्रभाव व निवारण

जब बुजुर्ग लोग आपसे बार बार नाराज होते हैं, जोड़ों में तकलीफ है, शरीर में जकड़न या आपका मोटापा बढ़ रहा है, नींद कम आ रही है, पढने लिखने में परेशानी हो रही है। किसी ब्रह्मण से वाद विवाद हो जाए अथवा पीलिया हो जाए तो समझ लेना चाहिए की गुरु का अशुभ प्रभाव आप पर पढ़ रहा है ! अगर सोना गुम हो जाए पीलिया हो जाए या पुत्र पर संकट आ जाए तो निस्संदेह आप पर गुरु का अशुभ प्रभाव चल रहा है! ऐसी स्थिति में केसर या हल्दी का तिलक वीरवार से शुरू करके 43 दिन तक रोज लगायें, सामान्य अशुभता दूर हो जाएगी। किन्तु गंभीर परिस्थितियों में जैसे अगर नौकरी चली जाए या पुत्र पर संकट, सोना चोरी या गुम हो जाए तो बृहस्पति के बीज मन्त्रों का जाप करें या करवाएं । तुरंत मदद मिलेगी । मंत्र का प्रभाव तुरंत शुरू हो जाता है व अभिमंत्रित किया हुआ पुखराज रत्न चांदी या सोने में धारण करें।

चंद्रमा का अशुभ प्रभाव व निवारण

अगर आपको वहम हो जाए, जरा – जरा सी बात पर मन घबरा जाए, आत्मविश्वास मैं कमी आ जाए, सभी मित्रों पर से विश्वास उठ जाए, ब्लड प्रेशर की बीमारी हो जाए, जुकाम ठीक न हो या बार – बार होने लगे, आपकी माता की तबियत खराब रहने लगे। अकारण ही भय सताने लगे और किसी एक जगह पर आप टिक कर ना बैठ सकें, छोटी छोटी बात पर आपको क्रोध आने लगे तो समझ लें की आपका चन्द्रमा आपके विपरीत चल रहा है। इसके लिए हर सोमवार का व्रत रखें और दूध या खीर का दान करें ! अभिमंत्रित किया हुआ सफेद मोती व टाइगर या नीलमणि रत्न धारण करें।

शुक्र का अशुभ प्रभाव व निवारण

अगर आपकी स्त्रियों से नहीं बनती, किसी स्त्री से धोखा या मानहानि हो जाए, किसी शुभ काम को करते वक्त कुछ न कुछ अशुभ होने लगे, आपका रूप पहले जैसा सुन्दर न रहे । लोग आपसे कतराने लगें। वाहन को नुकसान हो जाए। नीच स्त्रियों से दोस्ती, ससुराल पक्ष से अलगाव तथा शूगर हो जाए तो आपका शुक्र बुरा प्रभाव दे रहा है। उपाय के लिए आप महालक्ष्मी की पूजा करें, चीनी, चावल तथा चांदी शुक्रवार को किसी ब्राह्मण की पत्नी को भेंट करें, बड़ी बहन को वस्त्र दें। 21 ग्राम का चांदी का बिना जोड़ का कड़ा शुक्रवार को धारण करें । अगर किसी के विवाह में देरी या बाधाएं आ रही हों तो जिस दिन रिश्ता देखने जाना हो उस दिन 57 आटे की गोलियां किसी नदी मैं प्रवाहित करके जाएँ। इन में से किसी भी उपाय को करने से आपका शुक्र शुभ प्रभाव देने लगेगा। किसी सुहागन को सुहाग का सामन देने से भी शुक्र का शुभ प्रभाव होने लगता है। ध्यान रहे, शुक्रवार को राहुकाल में कोई भी उपाय न करें । पुखराज व पन्ना दोनों रत्न धारण करें।

शनि का अशुभ प्रभाव व निवारण

अगर आपके मकान मैं दरार आ जाए ! घर में प्रकाश की मात्रा कम हो जाए । जोड़ों में दर्द रहने लगे विशेषकर घुटनों और पैरों में या किसी एक टांग पर चोट, रंग काला हो जाए, जेल जाने का डर सताने लगे, सपनों मैं मुर्दे या शमशान घाट दिखाई दे, गठिया की शिकायत हो जाए, परिवार का कोई वरिष्ठ सदस्य गंभीर रूप से बीमार या मृत्यु को प्राप्त हो जाए तो आप पर शनि का कुप्रभाव है जिसके निवारण के लिए.. शनिवार को सरसों का तेल लोहे के कटोरे में डाल कर अपना मुँह उसमे देख कर, उसी तेल में गुलगुले बना कर कुत्तो को खिलायें व बचा तेल आटे में मिलाकर भैंस को खिलायें। ऐसा हर शनिवार करें । बीमारी की अवस्था में किसी गरीब, बीमार व्यक्ति को दवाई दिलवाएं। नीलम रत्न धारण करें व धर में काले घोड़े की नाल लगाएं।

सूर्य व केतु का अशुभ प्रभाव व निवारण

अगर आपके बाल झड जाएँ और आपकी हड्डियों के जोड़ों मैं कड़क-कड़क की आवाज आने लगे, पिता से झगडा हो जाए, मुकदमा या कोर्ट केस मैं फंस जाएँ, आपकी आत्मा दुखी हो जाए, आलसी प्रवृत्ति हो जाये तो आपको समझ लेना चाहिए की सूर्य व केतु का अशुभ प्रभाव आप पर हो रहा है ! ऐसी दशा मैं सबसे अच्छा उपाय है की हर सुबह सूर्य को मीठा डालकर अर्ध्य दें ! पिता से सम्बन्ध सुधरने की कोशिश करें ! पिता को उपहार दें व गोमेद व लहसुनिया रत्न धारण करें।

मंगल का अशुभ प्रभाव व निवारण

आपको खून की कमी हो जाए, बार बार दुर्घटना होने लगे या चोट लगने लगे, सर मैं चोट, आग से जलना, नौकरी मैं शत्रु पैदा हो जाएँ या ये पता न चल सके की कौन आपका नुकसान करने की चेष्टा कर रहा है, व्यर्थ का लड़ाई झगडा हो, पुलिस केस, जीवन साथी के प्रति अलगाव नफरत या शक पैदा हो जाए, आपरेशन की नौबत आ जाए, कर्ज ऐसा लगने लगे कि आसानी से ख़त्म ही नहीं होगा तो आप पर मंगल ग्रह क्रुद्ध हैं! ऐसे में आप , हनुमान जी की यथासंभव उपासना शुरू कर दें! हनुमान जी से तिलक लेकर माथे पर प्रतिदिन लगायें, अति गंभीर परिस्थितियों मैं रक्त दान करें तो जो रक्त आपका आपरेशन, चोट या दुर्घटना आदि के कारण निकलना है, नहीं होगा व मूंगा त्रिकोण व काला मोती रत्न धारण करें और घर में एक मुखी रूद्राक्ष सिंदूर में मिला कर रखें।

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