- सिर्फ हिल्टन होटल में आठ अरब रुपए से ज्यादा का नुकसान
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू। नेपाल की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर बहुत ज्यादा निर्भर है। और होटल इंडस्ट्री इसमें अहम भूमिका निभाती है। लेकिन हाल ही में छात्र-नेतृत्व वाले सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने इस सेक्टर को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है। प्रदर्शन के दौरान देश भर के लगभग दो दर्जन से अधिक होटलों को निशाना बनाया गया, जिससे 25 अरब नेपाली रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस हिंसा ने न सिर्फ प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि हजारों लोगों की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है। नेपाल के ‘माई रिपब्लिका’ न्यूज पोर्टल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, होटल एसोसिएशन नेपाल ने एक बयान जारी कर बताया है कि जेन जी के इन प्रदर्शनों के दौरान दो दर्जन से ज्यादा होटलों को नुकसान पहुंचाया गया। इन होटलों में तोड़-फोड़, लूट और आगजनी की घटनाएं हुईं। इस हिंसा से होटल इंडस्ट्री को 25 अरब नेपाली रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
काठमांडू में स्थित हिल्टन होटल इस हिंसा में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। होटल एसोसिएशन के अनुसार, सिर्फ इसी होटल में 8 अरब रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। काठमांडू घाटी के अलावा, पोखरा, बुटवल, भैरहवा, झापा, विराटनगर, धनगड़ी, महोत्तरी और दांग-तुलसीपुर जैसे शहरों के प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड के होटलों को भी हिंसा का शिकार होना पड़ा है। होटल एसोसिएशन नेपाल ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि जिन होटलों को नुकसान पहुंचाया गया है, उनकी मरम्मत और दोबारा से बनाने के बिना उन्हें फिर से शुरू करना मुश्किल होगा। इसका सीधा असर इन होटलों में काम करने वाले 2,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर पड़ेगा। एसोसिएशन ने यह भी बताया कि इस बर्बादी के कारण होटलों के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं को अपना कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा। ‘यह नुकसान इस कदर है कि होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोग अपनी आर्थिक जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाएंगे।
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एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि इन घटनाओं की जांच के लिए एक न्यायिक समिति बनाई जाए, दोषियों को सजा दी जाए और प्रभावित बिजनेस के लिए मुआवजे की घोषणा की जाए। होटल एसोसिएशन नेपाल ने सरकार से अपील की है कि होटलों की मरम्मत और फिर से बनाने के लिए आर्थिक राहत पैकेज दिया जाए। एसोसिएशन ने जोर देकर कहा कि पर्यटन उद्योग के विकास और देश की आर्थिक स्थिरता के लिए निवेशकों का भरोसा वापस लाना बहुत जरूरी है। बता दें कि पर्यटन नेपाल की GDP में लगभग 7% का योगदान देता है और यह विदेशी मुद्रा का भी एक बड़ा जरिया है। कोरोना महामारी के बाद से ही नेपाल का हॉस्पिटैलिटी सेक्टर उबरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इन प्रदर्शनों ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
