कुछ बातें इग्नोर भी करें,परिवार के साथ तालमेल रखे़

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

यह सच है कि हर व्यक्ति लिखने पढ़ने का शौक नहीं रखता,पर सबमे भावनायें होती है,सोच होता है और बातें करने का शौकीन होता है। बाते भी सबसे नहीं कर पाता सिर्फ अपनो से बाते करता है। किंतु गोस्वामी जी ने कहा – आपु आपु कहं सब भलो,अपनो कहं कोइ कोई। तुलसी सब कहं जो भलो सुजन सराहिय सोइ।। अपने की भलाई तो सब करते है,कोई कोई लोग अपने लोगो की भलाई के लिए आगे बढ़ते हैं,पर सुजन तो उन्हें कहते हैं,जो सबकी भलाई सोचता है,उसके लिए आगे बढ़ कर काम करता है‌। हम सभी सीनियर सिटिजंस से अपेक्षा रखते है कि वे सुजन है,बड़े है ,हम सबका ख्याल जरुर रखेंगे।

नव वर्ष 2025आपके जीवन मे खुशियां लाये़। आप ठंढ के महीने मे सुबह बिस्तर पर बैठे बैठे गुन गुना पानी और चाय पा जायं। नहाने धोने के बाद दोचार हरि का नाम लेकर अपने धार्मिक कृत्य करने के बाद गर्मा गर्म पकौड़ियां और हलवा खायें ..चाय काफी पियें..फिर देश दुनिया का समाचार लें। अपने परिजनो संतानो के जीवन चर्या पर एक नजर दौड़ायें और सबके उज्ज्वल भविष्य की कामना करें। जब से वीडियो कालिंग का सिस्टम आसान हुआ। देश विदेश मे रहने वाले बच्चे और हमारे परिजन एक बार जरुर चौबीस घंटे मे हाल चाल लेकर कुशल समाचार जान लेते है। वृद्ध अपने नाती पोतों की खोज खबर ले ही लेते है। पहले ध्यान द्वारा ऋषि मुनि जान लेते थे। अब दूरसंचार मदद गार हो गया।

…एक बात हमने देखी शिव जी ने सती की परीक्षा लेने की विधि ध्यान द्वारा जान ली..पूछा भी “लीन्ह परीछा कौन लिधि कहहु सत्य सब बात।” पर सती ने कैसे परीक्षा ली..? जान भी गए। सती ने झूठ बोला यह भी जान गए ।तब भी कोई शिकवा- शिकायत नहीं की, मौन होगए…। मन ही मन संकल्प किया‌ पर सती से झगड़ा नहीं किया।

हमे ऐसे ही बहुत कुछ मन के प्रतिकूल होता देख कर भी इग्नोर करना पड़ेगा। जब समझाने से कोई न मानें तो उपेक्षा करनी ही पड़ेगी। तब समय ही उन्हेंं समझा देगा। सती के झूठ का दंड उन्हे दक्ष प्रजापति के यज्ञ मे भुगतना पड़ा‌। यह सभी को पता है। अस्तु हमारी अपील है सभी स्वस्थ रहे ओर मस्त रहे.. अपने परिवार की बगिया रखायें और किसी से कुछ न चाहें… हरि इच्छा पर छोड़ दें। देखै श्रीहरि क्या करते हैं। द्रष्टा बन कर जियें और अलमस्त रहे।

उपद्रष्टानुमंता च भर्ता भोक्ता महेश्वर:।

परमात्मेति चाप्युक्त: देहेऽस्मिन् पुरुष: पर:।।

हर व्यक्ति के अंत:प्रेरक महेश्वर है। शरीर के भीतर होते हुए भी सबसे परे है। वही उपदेश देने वाले है वही अनुमान लगाने वाले है वही भरण पोषण करने वाले हें। उन्हीं को लोग परमात्मा या खुदा या गॉड कह कर पुकारते है।

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