- किसान कर्जमाफ, आरक्षण,बिजली-पानी, राशन फ्री कब तक?
- अब भा०रत्न तमगा देकर वि०दलों को पाले मे लाने पर उठ रही उंगली
विजय श्रीवास्तव
लखनऊ । देश भर के किसानों का एक लाख रूपया कर्ज माफ करने की अचानक घोषणा कर कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार ने वर्ष 2009मे सबसे पहले सरकार बनाने को पासा फेंका था सटीक पासा किसान मतो को पाले मे लाकर डूबते डुबते पुनः सरकार बनाने मे कामयाब हो गई थी ,इसके पहले 1989मे नेताजी मुलायम सिंह यादव ने किसानो का दस हजार का कर्ज माफी कर मुख्यमंत्री बन चुके थे। तब से दिल्ली मे अधिकारी से नेता केजरीवाल ने बिजली पानी दवा आदि फ्री का ऐलान कर इतिहास रच अप्रत्याशित सरकार बनाई कमोबेश वही पैटर्न अपनाकर उन्होंने पंजाब मे सरकार बनाई , यही फ्री पैटर्न अपनाकर कोशिश तो उन्होंने कई राज्यों मे किया परन्तु फिलहाल कई अन्य कारणों से”सफलता ” नही मिल पाई। कोरोना काल मे गरीबों मजदूरों की वेरोजगारी परेशानियों को देखते हुये चलाया गया फ्री राशन का चलन अब तक अनवरत जारी है जिससे अब बहुतायत मे कोई श्रमिक फ्री का खाना छोडकर जल्दी श्रम करने को बाहर कहीं जाना ही नही चाहता। अधिकांश श्रमिको मे आलस्य व आरामतलवी बढता हुआ साफ देखा जा सकता है।
बहुतायत मे लोग अब फ्री पैटर्न को चुनाव जीतने के हथकंडे के रूप मे देखना शुरू कर दिये हैं । दूसरे राज्यों मे भी यही फ्री पैटर्न के वादे किए जा रहे हैं । जब कि चुनाव सिर्फ व सिर्फ विकास पर लडा जाना चाहिए। चुनाव के ठीक पहले दूसरे मजबूत दलों व विचार धारा को तोडने के लिए भारत रत्न का तमगा देने को अधिकांश लोग एक जिताऊ हथकंडा ही ज्यादा मान रहे हैं । क्रांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न देने की घोषणा कर चुनाव के ठीक पहले विरोधियों मे भगदड़ मचा दी है।
अगर कहीं केन्द्र की मौजूदा सरकार ने इतनी घोषणा और करदी कि 24 मे हमारी सरकार बनने पर हम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, शिव सेना नेता बाल ठाकरे, आदि विरोधी दलों के चर्चित महापुरुषों को भारत रत्न देने का विचार करना शुरू कर दिये हैं। तो विरोधी दलों मे विचारों की भगदड़ और ज्यादा शुरू हो जायेगी। और इसके दूरगामी राजनीतिक परिणाम होंगे। जो प्रजातंत्र के लिए शुभ तो कतई नही होगा। उक्त फ्री कल्चर आदि को देश के मजबूती मे बाधक मानने वाले कई रिटायर्ड प्रोफेसर ,नौकर साह, पुलिस अधिकारी, डाक्टर ,समाज सेवियों आदि ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा जैसे काश्मीर मे धारा 370 एक निश्चित समय के लिए था पर कोई उसे वोट बैंक के लिए नही हटा रहा था समय आया हटाया गया, वैसे आरक्षण भी हटाने का समय आयेगा क्योंकि प्रतिभांयें आरक्षणसे मर रहीं हैं, लोगों ने कहा देश के लिए विभिन्न क्षेत्रों मे योगदान देने वालों को भारत रत्न देना अच्छी बात है परन्तु चुनाव घोषणा के ठीक पहले चुनावी स्वार्थ ज्यादा दिखाई पड़ता है।