नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध घोषित करने वाले 2013 के अपने फैसले के खिलाफ दायर सुधारात्मक (केविएट) याचिकाओं को गुरुवार को ‘अप्रभावी’ घोषित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पांच सदस्यीय पीठ ने दो सदस्यीय पीठ के फैसले के खिलाफ दायर सुधारात्मक याचिकाओं को अपने 2018 के एक फैसले के मद्देनजर अप्रभावी घोषित करते हुए इससे संबंधित कार्यवाही बंद करने का फैसला किया। (वार्ता)
समलैंगिक विवाद: सुधारात्मक याचिकाओं को न्यायालय ने किया अप्रभावी
रवांडा नरसंहार की याद में जगमग हुआ कुतुबमीनार
शाश्वत तिवारी नई दिल्ली। अफ्रीकी देश रवांडा में साल 1994 में हुए खौफनाक नरसंहार की 30वीं बरसी पर वहां के लोगों के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए भारत ने रविवार को ऐतिहासिक कुतुब मीनार को रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी से जगमग किया। इसके अलावा विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि […]
Read Moreइंडिया समूह की रैली ‘भ्रष्टाचार और परिवार बचाओ’ रैली: BJP
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित इंडिया समूह की लोकतंत्र बचाओ रैली को “भ्रष्टाचार और परिवार बचाओ रैली” करार दिया है और कहा है कि ‘मोदी हटाओ’ के लक्ष्य पर काम करने वाले विपक्ष का जनता के हित और देश का विकास से कोई सरोकार नहीं है। BJP […]
Read Moreलोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं मोदी : आप
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक-एक करके विपक्ष की सभी सरकारों को अस्थिर करने और उनके खिलाफ आवाज उठाने वालों को जेलों में डाला जा रहा है। आप के नेता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने यहां […]
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