नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध घोषित करने वाले 2013 के अपने फैसले के खिलाफ दायर सुधारात्मक (केविएट) याचिकाओं को गुरुवार को ‘अप्रभावी’ घोषित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पांच सदस्यीय पीठ ने दो सदस्यीय पीठ के फैसले के खिलाफ दायर सुधारात्मक याचिकाओं को अपने 2018 के एक फैसले के मद्देनजर अप्रभावी घोषित करते हुए इससे संबंधित कार्यवाही बंद करने का फैसला किया। (वार्ता)
समलैंगिक विवाद: सुधारात्मक याचिकाओं को न्यायालय ने किया अप्रभावी
एम्स के बाहर नरक झेल रहे लोगों का हाल देखकर हूं हैरान : राहुल
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को अचानक यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाहर इलाज के इंतजार में भूखे प्यासे लोगों का हाल जानने पहुंचे और उनकी बदतर स्थिति को देखकर यह कहते हुए हैरानी जताई कि 21वीं सदी में लोग इस तरह से पशुओं की तरह लेटे हैं। […]
Read Moreआयुष्मान भारत: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-दिल्ली सरकार के बीच करार करने के हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर करने का दिल्ली सरकार को निर्देश देने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह […]
Read Moreसरकार लोगों की सुरक्षा करने में विफल : केजरीवाल
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली समेत पूरे देश में लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रहने का भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार में जब सेलिब्रिटी सुरक्षित नहीं हैं तो एक आम आदमी की सुरक्षा की बात […]
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