निगम विद्यालयों की अनदेखी, लाखों विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़: सिंह

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता और पूर्व महापौर राजा इक़बाल सिंह ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की ‘निगम विद्यालयों की अनदेखी करने वाली नीतियों’ से लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ऐसी नीतियों का हर स्तर पर विरोध जारी रखेगी करेगी। सिंह ने विपक्ष के उप नेता जय भगवान यादव एवं अन्य BJP पार्षदों के साथ निगम मुख्यालय पर धरने पर बैठे निगम विद्यालयों के शिक्षकों से मुलाकात कर उनकी मांगों का समर्थन कर उनकी हौसला अफजाई की।

पूर्व महापौर सिंह ने धरने पर बड़ी संख्या में बैठे शिक्षकों से मुलाक़ात कर उनसे कहा कि BJP हमेशा शिक्षकों के साथ खड़ी रही है और आगे भी ऐसा करगी। भारतीय जनता पार्टी के नेता  सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष ने निगम कर्मचारियों से वादा किया था कि हर महीने की पहली तारीख़ को उन्हें वेतन मिलेगा, मगर (उसके अनुसार) ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है। उन्होंने निगम शिक्षकों के बकाया वेतन दिवाली से पहले पहले जारी करनी माँग की। उन्होंने दावा किया कि निगम के विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 40 फीसदी की कमी आयी है। यह स्थिति दर्शाती है कि यहां शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है। उन्होंने इसके लिए आम आदमी पार्टी की नीतियों को पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालयों में विद्यार्थियों की कम होती संख्या को छुपाने के लिए आम आदमी पार्टी शिक्षकों की संख्या जरूरत से अधिक दिखाकर उन्हें इधर-उधर स्थानांतरित कर रही है। इस वजह से बहुत से शिक्षक परेशान हैं। उन्होंने दावा किया कि सत्ता पक्ष ने निगम विद्यालयों में 5576 शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब वह बता रही है कि 500 शिक्षक जरूरत से अधिक हैं। सिंह ने दावा किया कि पहले विद्यालयों में छात्रों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होती थी, मगर अब विद्यार्थियों हाज़िरी के आधार पर उनकी संख्या निर्धारित की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने जबसे निगम की सत्ता सँभाली है, तब से विद्यालयों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि अभी तक छात्रों को स्टेशनरी तक नहीं दी गई है।

सिंह ने महापौर से माँग की कि निगम विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात लागू कर शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं। स्थाई नियुक्ति होने तक अनुबंध के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। इसके साथ ही वर्तमान में निगम शिक्षकों के 25 फीसदी और प्रधानाचार्य के 30 फीसदी से ज्यादा रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती की जाए। उन्होंने यह भी माँग की कि सभी तरह के औचक निरीक्षण से पहले विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सफाई कर्मचारी की संख्या छात्रों के दाखिले और कमरों की संख्या के आधार पर तय की जाए। डेटा एंट्री ऑपरेटर, सिक्योरिटी गार्ड, अटेंडेंट की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए।  (वार्ता)

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