
सरेशाम हुई घटना से दहल उठा था गोमतीनगर क्षेत्र
मुन्ना बजरंगी के दाहिना हाथ मानें जाने वाले तारिक़ हत्याकांड का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। एक दिसंबर 2017 को राजधानी में चुनाव की मतगणना चल रही थी। इस दौरान मतगणना स्थल से लेकर पूरे शहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। पुलिस मतगणना कराने में व्यस्त थी कि गोमतीनगर क्षेत्र के शहीद पथ स्थित ग्वारी गांव के पास असलहों से लैस अपराधियों ताबड़तोड़ फायरिंग कर बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी के करीबी बनारस निवासी मोहम्मद तारिक को मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना का जिक्र होते ही आज भी वहां के लोगों के चेहरे पर खौफ दिखने लगता है। यह दुस्साहसिक घटना गोमतीनगर थाने में दर्ज है।
शुरुआती दौर से लेकर पुलिस की टीमें कातिलों की तलाश में कई बिंदुओं पर पड़ताल की, लेकिन आज तक पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई कि तारिक़ का क़ातिल कौन है। सनद रहे कि एक दिसंबर 2017 की शाम गोमतीनगर क्षेत्र में बेखौफ बदमाशों ने मुन्ना बजरंगी के दाहिना हाथ मानें जाने वाले बनारस के विशेषर गंज निवासी मोहम्मद तारिक के शरीर में गोलियों की बौछार कर मौत की नींद सुला दिया था।
खास बात यह है कि इस सनसनीखेज वारदात को अपराधियों ने उस समय अंजाम दिया था, राजधानी लखनऊ में मतगणना के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। इस मामले में भले ही पुलिस अफसर तरह-तरह की बयानबाजी कर कातिलों की तलाश का दावा कर रहे थे, लेकिन कड़वा सच है कि अभी भी पुलिस गुत्थी सुलझाने में नाकाम साबित होकर रह गई है।