
हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।
दिनांक – 05 अप्रैल 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ॠतु
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्दशी सुबह 09:19 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी सुबह 11:23 तक तत्पश्चात हस्त
योग – ध्रुव 06 अप्रैल रात्रि 03:17 तक तत्पश्चात व्याघात
राहुकाल- दोपहर 12:42 से दोपहर 02:15 तक
सूर्योदय- 06:29
सूर्यास्त- 18:53
दिशाशूल- उत्तर दिशा में….
व्रत पर्व विवरण – पूर्णिमा
विशेष – पूर्णिमाऔर व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)