
उमेश तिवारी
विराटनगर नेपाल। नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव विराटनगर मेट्रोपॉलिटन सिटी और मेरठ, भारत के क्रांतिधारा साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय साहित्यिक उत्सव था। इस उत्सव में नेपाल के सभी सात प्रांतों और भारत के अधिकांश राज्यों के 350 से अधिक साहित्यकारों की भागीदारी देखी गई। यह कार्यक्रम नेपाल और भारत के बीच साहित्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 10-सूत्रीय विराटनगर घोषणा को अपनाने के साथ संपन्न हुआ।
10 सूत्री विराटनगर घोषणा
विराटनगर घोषणा ने नेपाल और भारत के बीच साहित्य के पारस्परिक प्रचार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इस घोषणा में निम्नलिखित बिंदु शामिल थे। आपसी प्रोत्साहन के लिए नेपाली साहित्य का हिंदी में और हिंदी साहित्य का नेपाली में अनुवाद। पुरातत्व विभाग व इतिहासकारों के समन्वय से महाभारत काल के राजा विराट के महल को महाभारत सर्किट से जोड़ना। युवा साहित्यकारों को पुरातात्विक कलाकृतियों का अन्वेषण करने के लिए प्रोत्साहित करना। नेपाल और भारत के साहित्यकारों के लिए अपना काम साझा करने के लिए एक ऑनलाइन मंच बनाना।
नेपाल और भारत के छात्रों के लिए साहित्यिक आदान-प्रदान कार्यक्रम स्थापित करना। साहित्यिक लेखकों को उनके काम के माध्यम से नेपाल और भारत दोनों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना। नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने में साहित्यकारों के योगदान को स्वीकार करना। अनुसंधान उद्देश्यों के लिए नेपाल और भारत के साहित्यिक कार्यों का डेटाबेस बनाना। साहित्यिक लेखकों को उनके काम में सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रोत्साहित करना। प्रतिवर्ष नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव का आयोजन करना। विराटनगर घोषणापत्र को अपनाना दोनों पड़ोसी देशों के बीच साहित्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर साहित्यिक रचनाएँ
इस अवसर पर 200 से अधिक साहित्यकारों ने अपनी साहित्यिक कृतियों का हवाला दिया, जिसमें कविता, लघु कथाएँ और उपन्यास शामिल थे। इस उत्सव ने नेपाल और भारत के साहित्यकारों को अपने काम को प्रदर्शित करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया।