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लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के नैक हेतु मूल्यांकन के लिए तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। उन्होंने विविध बिंदुओं पर आवश्यक सुधार के साथ प्रस्तुतिकरण को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। कहा कि नैक तैयारियों की सभी बैठकें विश्वविद्यालय के कार्यों तथा शिक्षण कार्य के उपरांत ही की जाएं। प्रस्तुतिकरण में विषयों को सुसम्बद्ध और प्रजेन्टेबुल बनाना चाहिए। मूल्यांकन हेतु पियर टीम के अवलोकन के समय प्रस्तुतिकरण में किसी भी कमेटी सदस्य को भ्रम की स्थिति न हो। जिस बिंदु पर प्रस्तुतिकरण दिया जा रहा हो उससे सम्बन्धित सभी विवरण गतिविधियों के पत्र, फोटो हाइपर लिंक से सम्बद्ध रखे जाए। हाइपर लिंक्स सुदृढ़ रहे…हाइपर लिंक क्लिक करते समय विवरण तत्काल अवलोकन के लिए प्रदर्शित होनी चाहिए।
राज्यपाल ने सभी फोटा्रग्राफ में कार्यक्रम के विवरण का कैप्शन अंकित करने का निर्देश दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर की व्यवस्थाओं को दर्शाने वाले सभी फोटोग्राफ में विद्यार्थियों की उपस्थिति युक्त फोटो लगाने को कहा। बेस्ट प्रैक्टिस के फोटोग्राफ में जन सामान्य की प्रतिभागिता दर्शाने वाले फोटो लगाने को कहा। लाइब्रेरी खोलने की समय-सीमा बढ़ाने, प्रयोगशालाओं को 24 घंटे खोलने, पुस्तकालय में क्षेत्रीय भाषा की पुस्तकों को शामिल करने, छात्रावास में ‘छात्रावास-पासपोर्ट‘ व्यवस्था, शोध ग्रन्थों को शत्-प्रतिशत् शोध गंगा पर अपलोड करने, दीक्षांत समारोह के दौरान डिजी लॉकर में डिग्री अपलोड का प्रत्यक्ष प्रदर्शन दर्शाने के सुझाव दिया।
प्रस्तुतिकरण में विश्वविद्यालय की गतिविधियों को प्रमुखता से दर्शाना चाहिए। इसमें विश्वविद्यालय द्वारा अपने परिसर तथा गोद लिए गाँवों तथा अन्य स्थानों पर कैम्प लगाकर दी जा रही स्वास्थय सुविधाओं एवं परिसर में स्थापित हैप्पीनेस सेंटर की प्रमुख विशेषताओं को सुदृढ़ता से प्रस्तुत होनी चाहिए। राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण का पुनर्लेखन करने, एरर-लेस बनाने, पुनरावलोकन करके समग्रता से सशक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षणगण भी अपने विद्यार्थी जीवन की अभिरूचियों का विस्तार करें और विश्वविद्यालय में अपनी रूचियों के अनुसार गतिविधियाँ संचालित करें।