
90 के दशक में बिहार की राजनीति में बाहुबलियों का बोलबाला हुआ करता था। इन्हीं में से पप्पू यादव और आनंद मोहन की भी बिहार राजनीति में तूती बोलती थी। लेकिन दोनों के बीच हमेशा 36 का आंकड़ा रहा है। पप्पू यादव और आनंद मोहन की दुश्मनी ही बिहार में सुर्खियों में रहा करती थी। 1990 के दौर में अति पिछड़े के लिए संघर्ष कर रहे थे पप्पू यादव वहीं आनंद मोहन फॉरवर्ड जाति के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। आनंद मोहन और पप्पू यादव के बीच दुश्मनी के कई किस्से हैं। लेकिन धीरे-धीरे वक्त बदलता चला गया और इन दोनों नेताओं की दबंगई भी कमजोर होती चली गई।
बुधवार को दोनों नेता आपस में गले मिलते हुए नजर आए। यह मुलाकात आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद की शादी के दौरान हुई। पूर्व सांसद आनंद मोहन की बेटी सुरभि की शादी 15 फरवरी को संपन्न हुई। इस शादी में जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव को निमंत्रण मिला था। वे शादी समारोह में शरीक हुए। लगा पुरानी दुश्मनी खत्म हो गई। दोनों दोस्त तरह नजर आए। उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई बड़े नेता समारोह में शामिल हुए। शादी में बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन, राजीव प्रताप रूडी समेत सभी दलों के कई नेता भी मौजूद थे।
आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया हत्याकांड में बिहार के कटिहार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्होंने बेटी की शादी में शामिल होने के लिए 15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं। दोनों की दुश्मनी के बारे में हर कोई जानता है। लंबे समय तक दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे थे। बिहार के कोसी इलाके सहरसा, मधेपुरा, पुर्णिया में दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में कई बार मुठभेड़ हुई थी। एक समय दोनों के ऊपर रासुका भी लगा था।