नेपाल पुलिस नहीं करती भारतीयों की सुनवाई
काठमांडू से भैरहवा तक भारतीय हो रहे शोषण का शिकार
राजेश जायसवाल
भैरहवा/नेपाल । नेपाल का होटल व टूर एंड ट्रेवेल व्यवसाय मुख्यतः भारतीयों पर आश्रित है। बावजूद इसके भारतीय पर्यटकों को सुरक्षा देने की जवाबदेही किसी पर तय नहीं है। नेपाल सरकार की ओर से पर्यटकों को लुभाने और सुरक्षा के बड़े बड़े दावे सच नहीं है। भारतीय पर्यटक कभी अवांछनीय तत्व तो कभी नेपाल पुलिस के शोषण का शिकार होते रहते हैं।
पिछले दिनों नेपाल में भारतीय पर्यटकों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। राजस्थान के पांच पर्यटकों के साथ काठमांडू में 56 हजार की लूट हुई। उसके अगले दिन यूपी के मेरठ के रहने वाले को तीन पर्यटकों के साथ नेपाल पुलिस द्वारा भारत सीमा से सटे भैरहवा में मारपीट की खबर सामने आई। पर्यटकों की शिकायत के बाद भी नेपाली पुलिस ने भारतीयों का कोई सहयोग नहीं किया।
नेपाल में भारतीयों का आना जाना लगा रहता है। ज्यादातर लोग घूमने फिरने के लिए ही नेपाल जाते हैं। इसी के साथ नेपाल में भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं होती रहती है। कुछ माह पहले की घटना पर गौर करें तो आजमगढ़ व मऊ के रहने वाले सात पर्यटक काठमांडू में हजारों रुपए ठगी का शिकार हुए। भारतीय पर्यटक भैरहवा, लुंबिनी , बुटवल , पोखरा व काठमांडू में बदसलूकी व आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। डांस बार व आयुर्वेदिक मसाज का प्रलोभन देकर कर पर्यटकों को लूटा जा रहा है। “होटलों” में गए पर्यटकों को ब्लैकमेल कर उनके सारे के सारे रुपए ऐंठ लिए जा रहे। कई भारतीय तो लोक लाज की वजह से अपने साथ हुए शोषण को छुपा ले जाते हैं।
भारतीयों के शोषण में टूर एंड ट्रेवेल के नाम पर सैकड़ों फर्जी एजेंट नौतनवा , सोनौली व भैरहवा तक अपना आफिस डाल बैठे हैं। बेलहिया भंसार कार्यालय पर दर्जनों दलाल भारतीयों को गुमराह करते देखे जा सकते हैं। अब तक बीते दो वर्ष में नेपाल में भारतीयों के साथ हुए शोषण के 100 से भी अधिक मामले नेपाल पुलिस तक पहुंचे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रूपनदेही जिला के एसपी रविंद्र रेगमी का कहना है कि उनके पास जिस भी भारतीय नागरिक की शिकायत मिली है, उसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की गई है।