नया लुक ब्यूरो
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को हटाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले जेहादी इस्लामिक युवा नेता शरीफ उस्मान हादी को 13 दिसम्बर की दोपहर को उस समय अज्ञात हमलावरों ने अपने गोली का निशाना बनाया जब वह जुम्मे की नमाज़ से वापस लौट रहा था। इंकलाब मोंचो के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जुलाई में शेख हसीना के सरकार को गिराने में शरीफ उस्मान की भूमिका महत्वपूर्ण रही और सरकार गिराने के बाद शरीफ उस्मान लगातार भारत और हिंदुओं पर भी हमलावर रहा है। उसने भारत के विरोध में कई बार भारत के नक्शे को गलत तरीके से भी प्रस्तुत किया जिसमें उसने कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताया है, जबकि ग्रेटर बांग्लादेश की योजना की आस भी बांग्लादेश के जेहादियाँ में जगा रहा है।

देश में फ़रवरी में आम चुनावों की घोषणा होने के बाद उसने ढाका के विजयनगर से अपनी मज़बूत दावेदारी पेश की है। लेकिन कल दोपहर ढाई बजे एक बाइक पर सवार तीन हमलावरों ने रिक्शे से जा रहे शरीफ उस्मान को काफ़ी निकट से गोली मारी है। एक दो गोलियां उसके दिमाग़ में भी अटक गई हैं। सीसीटीवी फ़ुटेज़ के माध्यम से इन अज्ञात हमलावरों की तलाश जारी है लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। उस्मान को ढाका मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया जहाँ उसे सीपीआर देकर किसी तरह रिवाइव किया गया और उसके जबड़े से गोली निकाली गई है। उसकी हालत अभी भी बेहद गंभीर है और दिमाग़ में अभी भी गोली अटकी हुई है।
इस घटना के बाद ढाका विश्वविद्यालय में फिर से माहौल गरमा गया जबकि तमाम लोग अस्पताल परिसर में इकट्ठा हो गए। पाकिस्तान के तमाम सोशल मीडिया प्रॉपगैंडा चैनलों ने इस घटना को लेकर कहा है कि यह बिल्कुल वहीं पैटर्न है जैसा पाकिस्तान में पहले से भारत करता आ रहा है। अज्ञात हमलावर बाइक पर दिनदहाड़े आते हैं और आतंकियों को मारकर चले जाते हैं। बांग्लादेश पुलिस अभी भी जांच में जुटी हुई है। शरीफ उस्मान काफ़ी समय से तथाकथित “जुलाई वारियर” को सुरक्षा देने की बात जार रहा था, इससे यह भी स्पष्ट है कि उसे अपने जान के ख़तरे का अंदाज़ा था। अब यह स्पष्ट तो नहीं है कि शरीफ ज़िंदा बचेगा या नहीं, लेकिन इस घटना ने चुनाव से पहले बांग्लादेश के जेहादी क्रांतिकारियों के मन में डर ज़रूर पैदा कर दिया है।
