उत्तर प्रदेश में नए साल की शुरुआत के साथ ही प्रशासनिक ढांचे में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। राज्य सरकार ने 67 आईएएस अधिकारियों के प्रमोशन को मंजूरी दे दी है, जो 1 जनवरी से प्रभावी होंगे। इस फैसले से प्रदेश के कई अहम विभागों और जिलों में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल की संभावना बढ़ गई है। शासन की ओर से जारी आदेशों के अनुसार, वर्ष 2001 बैच के चार वरिष्ठ अधिकारियों को प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया है। वहीं 2010 बैच के 19 अधिकारियों को सचिव और कमिश्नर रैंक में प्रोन्नति दी गई है। इसके साथ ही 2013 बैच के अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड वेतनमान और 2022 बैच के अधिकारियों को सीनियर टाइम स्केल दिया गया है।
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प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम. देवराज द्वारा जारी आदेश के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, प्रमोशन के बाद कई अधिकारियों की नई तैनाती तय मानी जा रही है। लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी का भी स्थानांतरण संभव है, क्योंकि उनके सचिव रैंक में पहुंचने के बाद उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। प्रमुख सचिव बनाए जाने वालों में शशि भूषण लाल सुशील, अजय कुमार शुक्ला, अपर्णा यू और एसवीएस रंगाराव शामिल हैं। वहीं 2010 बैच के कई अधिकारी अब सचिव और कमिश्नर स्तर की जिम्मेदारियां संभालेंगे, जिससे शासन की निर्णय प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।
2013 बैच के अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड मिलने से उनके वेतन और पद की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार होगा। इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों को भी प्रमोशन का लाभ दिया गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार सभी स्तरों पर संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है। इस व्यापक प्रमोशन सूची के बाद यह तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई जिलों और विभागों में तबादलों की श्रृंखला देखने को मिलेगी। नए साल के साथ उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी नए स्वरूप में काम करती नजर आएगी।
