कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य बी.के. हरिप्रसाद ने राज्य सरकार से बजरंग दल पर तात्कालिक प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका आरोप है कि बजरंग दल लंबे समय से राज्य में कई गंभीर अपराधों और हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है। हरिप्रसाद ने कहा कि यह मुद्दा केवल वर्तमान घटना से संबंधित नहीं है, बल्कि संगठन की गतिविधियों को लेकर लगातार शिकायतें मिलती रही हैं।
हरिप्रसाद ने दावा किया कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग कोई अचानक फैसला नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल था। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि चुनावी वादे का सम्मान करते हुए संगठन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। कांग्रेस नेता के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक है।
हत्या के मामलों में संलिप्तता का आरोप
बी.के. हरिप्रसाद ने कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का इतिहास आपराधिक गतिविधियों से भरा हुआ है। उन्होंने बताया कि हाल ही में चिकमगलूर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ता गणेश गौड़ा की हत्या के मामले में भी बजरंग दल के नाम सामने आए। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसे संगठनों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा हो।
उन्होंने एक पुराने मामले का भी उल्लेख किया। उनके अनुसार, वर्ष 2016–17 के दौरान उदुपी में भाजपा के एक मंडल अध्यक्ष की हत्या हिंदू जागरण वेदिके के लोगों द्वारा की गई थी। हरिप्रसाद ने कहा कि इस तरह की घटनाएँ बताती हैं कि विभिन्न नामों से काम करने वाले ये संगठन मूल रूप से एक ही तरह की विचारधारा और हिंसक गतिविधियों से जुड़े हैं।
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सरकार से कठोर कदम उठाने की अपील
हरिप्रसाद ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन संगठनों पर रोक लगाए जो समाज में तनाव फैलाने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण नागरिक समाज में ऐसे संगठनों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
ध्यान रहे कि हाल ही में चिकमगलूर में बैनर को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया था, जिसमें 38 वर्षीय कांग्रेस नेता और ग्राम पंचायत सदस्य गणेश गौड़ा की मौत हो गई। घटना रात लगभग 9:30 बजे एक मठ के पास हुई और झड़प में दोनों गुटों के कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन राजनीतिक माहौल इस घटना के बाद और अधिक तनावपूर्ण हो गया है।
राज्य में बढ़ती सियासी बयानबाजी
बजरंग दल की गतिविधियों को लेकर हाल के दिनों में कर्नाटक की राजनीति में काफी बयानबाजी देखने को मिल रही है। विभिन्न दलों के नेता अपने-अपने तर्क और आरोप लगा रहे हैं। ऐसे समय में बी.के. हरिप्रसाद की यह मांग सियासी बहस को और तेज कर सकती है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा कानूनी, राजनीतिक और सामाजिक—तीनों स्तरों पर चर्चा का केंद्र बन सकता है।
